कोटा के पास बन रही टनल का काम भी सितंबर तक पूरा हो जाएगा
जयपुर,संवाददाता : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का राजस्थान के हिस्से का काम इस साल पूरा होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेस-वे का कुल 373 किलोमीटर का हिस्सा राजस्थान से निकल रहा है, जिसमें से करीब 35 किलोमीटर का काम अभी बाकी है। यह काम सितंबर तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है। एक बार काम पूरा होने के बाद कोटा से दिल्ली पहुंचने में मात्र चार घंटे का समय लगेगा। एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक, सवाईमाधोपुर-दौसा-बूंदी खंड के बीच करीब 27 किलोमीटर का काम अप्रैल से पहले पूरा होने की संभावना है। वहीं, कोटा के पास बन रही टनल का काम भी सितंबर तक पूरा हो जाएगा। हालांकि, इस काम के पूरा होने में कुछ दिक्कतें आई हैं और इसे 2024 तक पूरा होना था, लेकिन टनल निर्माण में आ रही समस्याओं के कारण समय बढ़ा है।
यह एक्सप्रेस-वे वर्तमान में आठ लेन का है, लेकिन भविष्य में ट्रैफिक के बढ़ते दबाव को देखते हुए इसे 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। एनएचएआई ने जमीन अधिग्रहण इस तरह से किया है कि भविष्य में यदि एक्सप्रेस-वे में अतिरिक्त लेन जोड़नी पड़े, तो फिर से जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी। इस एक्सप्रेस-वे पर छोटे वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम स्पीड से चल सकते हैं, और भविष्य में इसे 140 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाने की योजना है। इस एक्सप्रेस-वे पर सबसे पहले सोहना से दौसा के पास भांडारेज तक ट्रैफिक शुरू हुआ था, और इस खंड का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद से कार्य की गति में तेजी आई है। एनएचएआई का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक या अगले साल की पहली तिमाही में पूरी परियोजना का काम समाप्त कर लिया जाए और ट्रैफिक भी शुरू हो जाए। इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी 1,386 किलोमीटर होगी और इस सफर को 12 घंटे के बजाय केवल 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।