यूपीपीएससी ने पीसीएस परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने का लिया निर्णय
लखनऊ, 15 नवंबर : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों की लगातार मांगों को स्वीकार करते हुए प्रांतीय सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को पुराने पैटर्न पर आयोजित करने का फैसला किया है। हालांकि, इसके बावजूद प्रतियोगी छात्रों का धरना-प्रदर्शन और आंदोलन जारी है। छात्रों का कहना है कि जब तक समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा को एक दिन में नहीं कराया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आरओ-एआरओ पर फंसा पेच
आज (15 नवंबर) को छात्र आंदोलन का पांचवां दिन है और सैकड़ों की संख्या में प्रतियोगी छात्र अभी भी यूपीपीएससी के दफ्तर के दो नंबर गेट के बाहर जमा हैं। वे लगातार थाली पीटकर और नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को जोर-शोर से उठा रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जैसे पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित करने की घोषणा की गई है, ठीक उसी तरह आरओ और एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी एक ही दिन में कराने का लिखित आश्वासन दिया जाए। इसके बाद ही वे अपना आंदोलन समाप्त करेंगे।
यूपीपीएससी की ओर से लिया गया निर्णय
यूपीपीएससी ने बृहस्पतिवार को समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया और साथ ही एक समिति का गठन करने की घोषणा की। आयोग के सचिव अशोक कुमार ने कहा, “अभ्यर्थियों के बीच असंतोष की स्थिति थी और वे चाहते थे कि पीसीएस परीक्षा को एक दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री की पहल पर, यूपीपीएससी ने आरओ और एआरओ परीक्षा को स्थगित करते हुए पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनाई है, जो इस विषय पर गहन अध्ययन करेगी।”
छात्रों की मांगे
हालांकि, छात्रों का कहना है कि आरओ और एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी एक ही दिन और एक शिफ्ट में कराई जाए, तभी उनका धरना समाप्त होगा। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा की तिथि और पैटर्न को लेकर यूपीपीएससी की ओर से स्पष्टता की आवश्यकता है।