पानी के चित्र के साथ पहाड़ भी दर्शाए गए हों तो उन्हें ईशान कोण में कदापि न लगाएं
डॉ. उमाशंकर मिश्रा,लखनऊ : वास्तु शास्त्र के अनुसार, शयन कक्ष (बेडरूम) में पानी से संबंधित किसी भी प्रकार का चित्र लगाना वर्जित माना गया है। ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में अस्थिरता और अवांछनीय रिश्तों की संभावना बढ़ जाती है। इस विषय में विस्तार से निम्न बातें ध्यान देने योग्य हैं:
पानी से संबंधित चित्र कहाँ लगाएं?
- ऐसे चित्र जिनमें महिलाएं घड़े में पानी भरती दिखाई दें
- कुएं से पानी भरने का दृश्य
- समुद्र, झरना, फव्वारा, जलप्रपात, मछली, कछुआ, नाव, पानी के जहाज, मछुवारे, नहर, तालाब आदि के चित्र
इन चित्रों को घर के निम्न स्थानों पर लगाना शुभ माना गया है:
- बैठक कक्ष / लिविंग रूम / डाइनिंग रूम की ईशान (उत्तर-पूर्व), उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर।
- ईशान कोण जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है और सम्पूर्ण समृद्धि प्रदान करता है।
- उत्तर दिशा व्यापार एवं धन वृद्धि की सूचक है, इसलिए व्यापारियों के लिए लाभकारी है।
- पूर्व दिशा से ज्ञान की वृद्धि होती है, अतः विद्यार्थियों के लिए यह दिशा श्रेष्ठ है।
विशेष सावधानी:
- यदि पानी के चित्र के साथ पहाड़ भी दर्शाए गए हों, तो उन्हें ईशान कोण में कदापि न लगाएं, क्योंकि पानी शुभ और पहाड़ अशुभ प्रभाव डालता है।
पानी से संबंधित चित्र कहाँ न लगाएं?
- शयन कक्ष में कभी भी पानी से संबंधित चित्र न लगाएं।
- यह वैवाहिक जीवन में भावनात्मक दूरी, संबंधों में तनाव और तृतीय व्यक्तियों के हस्तक्षेप की संभावनाएं बढ़ा सकता है।
- दक्षिण या आग्नेय कोण में जल से संबंधित चित्र न लगाएं।
- ये दोनों अग्नि तत्व के क्षेत्र हैं, और जल तत्व का इनसे सीधा विरोध होता है। इससे घर में तनाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और आर्थिक हानि हो सकती है।