ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिन – सोमवार
विक्रमी संवत – 2082
शक संवत – 1947
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – आषाढ़
पक्ष – कृष्ण
तिथि – पंचमी दोपहर 01:12 तक, तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र – धनिष्ठा रात्रि 11:27 तक, तत्पश्चात शतभिषा
योग – वैधृति सुबह 10:13 तक, तत्पश्चात विष्कंभ
राहुकाल – सुबह 07:30 से 09:00 तक
सूर्योदय – 05:13
सूर्यास्त – 06:47
दिशाशूल – पूर्व दिशा
व्रत पर्व विवरण – पंचक प्रारंभ दोपहर 11:35
विशेष – पंचमी
साप्ताहिक व्रत विवेक
- सोमवार का व्रत – क्रोध और उग्रता को शांत करता है।
- मंगलवार का व्रत – शांति और धन अभाव को दूर करता है।
- बुधवार का व्रत – बुद्धि और ज्ञान के विकास के लिए।
- गुरुवार का व्रत – मन की चंचलता दूर कर विवेक बढ़ाता है।
- शुक्रवार का व्रत – ओज और वीर्य की रक्षा करता है, प्रदर रोग में लाभदायक।
- शनिवार का व्रत – आपदाओं से रक्षा करता है, हनुमान भक्ति हेतु श्रेष्ठ।
- रविवार का व्रत – आरोग्यता और सूर्योपासना के लिए। ध्यान भी लाभकारी है।
आरोग्य विशेष: क्षयरोग में आँवला
क्षयरोग (टी.बी.) की प्रारंभिक अवस्था में आँवले का सेवन अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है। च्यवनप्राश, आँवले का रस और मुरब्बा नियमित लेने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
विद्या एवं व्यापार में वृद्धि हेतु उपाय
बुधवार को:
- गुरु मंत्र का जप विशेष रूप से करें।
- तुलसी के 3 पत्ते गंगा जल में धोकर भोजन से पूर्व सेवन करें।
लाभ: - विद्या की प्राप्ति,
- व्यापार में वृद्धि,
- धन की प्राप्ति,
- आरोग्यता में सहायक।
पंचक काल
प्रारंभ: 16 जून, सोमवार – दोपहर 1:06 बजे
समाप्त: 20 जून, शुक्रवार – रात्रि 9:45 बजे
जन्मदिवस विशेष
मूलांक – 7
ग्रह प्रभाव – वरुण ग्रह
प्रवृत्ति – तीव्र बुद्धि, स्वनिर्माता, जलतत्व समान लचीलापन।
शुभ अंक – 7, 16, 25
शुभ रंग – सफेद, पिंक, जामुनी, मेहरून
ईष्टदेव – भगवान शिव एवं विष्णु
विशेष सलाह – कार्य आरंभ से पूर्व केसर का तिलक एवं मंदिर में पताका अर्पित करें।