ज्योतिषाचार्य: डॉ. उमाशंकर मिश्रा
लखनऊ,संवाददाता : हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्ति हेतु अत्यंत फलदायी माना गया है। आज, शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत है, जो विशेष रूप से सुख-समृद्धि और सौंदर्य प्रदान करने वाला माना जाता है।
प्रदोष व्रत – पूजा विधि
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
- पूजा में बेलपत्र, चावल, फूल, धूप, दीप, फल, नैवेद्य, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित करें।
- संभव हो तो दिनभर निराहार रहें, अन्यथा केवल फलाहार लें।
- संध्या काल में पुनः शिव परिवार की पूजा करें।
- जौ के सत्तू में घी व शक्कर मिलाकर भोग लगाएं।
- आठ दीपक जलाकर आठों दिशाओं में रखें।
- शिव आरती के पश्चात व्रत का पारण करें।
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
भाग्योदय हेतु विशेष उपाय
- सुबह स्नान के पश्चात तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
- जल में आकड़े के फूल अवश्य मिलाएं।
- आकड़े के फूल शिवजी को अत्यंत प्रिय हैं, यह उपाय सूर्यदेव और शिवजी दोनों की कृपा दिलाता है और जीवन में शुभता व उन्नति लाता है।
आगामी विशेष तिथियाँ
- 25 अप्रैल (शुक्रवार): प्रदोष व्रत
- 27 अप्रैल (रविवार): अमावस्या
- 29 अप्रैल (मंगलवार): भगवान परशुराम जयंती
- 30 अप्रैल (बुधवार): अक्षय तृतीया