ज्योतिष आचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
दिनांक – 01 जनवरी 2025
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत – 1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर ऋतु
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वितीया (रात्रि 03:11 तक, तत्पश्चात तृतीया)
नक्षत्र – उत्तराषाढा (रात्रि 12:56 तक, तत्पश्चात श्रवण)
योग – व्याघात (शाम 06:40 तक, तत्पश्चात हर्षण)
राहुकाल – दोपहर 12:00 से 01:30 तक
सूर्योदय – 06:46
सूर्यास्त – 05:14
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण – विशेष: द्वितीया
2025 विशेष जानकारी
- मेष और वृश्चिक राशि के जातकों को यदि विघ्न, कष्ट या समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो, तो उन्हें मंगल गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
मंगल गायत्री मंत्र:
“ॐ अंगारकाय विद्महे | शक्तिहस्ताय धीमहि | तन्नो भौम प्रचोदयात |…. ॐ मंगलाय नम:”
इसके अलावा, मंगलवार को मसूर की दाल पक्षियों को डालने और स्नान में लाल चंदन का पाउडर डालने से लाभ होगा। - वृषभ और तुला राशि के जातकों को शुक्रवार को खीर बनाकर गाय को खिलानी चाहिए और चावल के दाने पक्षियों को डालने चाहिए।
स्नान में इलायची पाउडर और केसर डालकर स्नान करें। - मिथुन और कन्या राशि के जातकों को बुधवार को हरे मूंग पक्षियों को देना चाहिए और ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
- कर्क राशि के जातकों को चावल पक्षियों को डालने चाहिए और सोमवार को शिवलिंग पर दूध व जल चढ़ाकर “ॐ त्रयम्बकं यजामहे…” मंत्र का जाप करें।
- सिंह राशि के जातकों को सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और पक्षियों को गेहूं के दाने डालने चाहिए। रविवार को विशेष रूप से गुरुमंत्र का जाप करें।
- धनु और मीन राशि के जातकों को गुरुदेव के प्रति भक्ति बढ़ानी चाहिए और गुरुवार को आम के पेड़ पर चावल, जल और चने के दाने चढ़ाकर मंत्र जाप करें।
गुरु मंत्र: “ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नमः” - मकर और कुंभ राशि के जातकों को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। यदि पूरा न हो सके, तो “श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये” मंत्र का जाप करें।