बिजली दरें न बढ़ने की वजह से राजस्व घाटा 12.4% तक बढ़ चुका है
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश में रहने वाले करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही भारी झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने बिजली दरों में 30 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा है। यह कदम 19,600 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे की भरपाई के उद्देश्य से उठाया गया है। पिछले 5 वर्षों से बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जिससे कॉर्पोरेशन को भारी घाटा झेलना पड़ रहा है। यूपीपीसीएल के अनुसार, राज्य में बिजली दरें न बढ़ने की वजह से राजस्व घाटा 12.4% तक बढ़ चुका है।
घाटे की गंभीर स्थिति:
- कुल खर्च (2023-24): ₹1,07,209 करोड़
- राजस्व प्राप्ति: ₹67,955 करोड़
- कुल घाटा: ₹39,254 करोड़
- सरकारी सब्सिडी: ₹19,494 करोड़
- अभी भी शेष घाटा: ₹5,910 करोड़
- मार्च 2024 तक कुल नुकसान: ₹1.10 लाख करोड़ से अधिक
बकाया बिल की स्थिति भी चिंताजनक:
- 54.24 लाख उपभोक्ताओं ने कभी बिजली बिल जमा नहीं किया, जिससे ₹36,353 करोड़ बकाया।
- 78.65 लाख उपभोक्ता पिछले 6 महीनों से बिल नहीं भर रहे, जिससे ₹36,117 करोड़ का और बकाया।
सबसे बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है
अगर नियामक आयोग ने प्रस्ताव को मंजूरी दी, तो यह राज्य के इतिहास में सबसे बड़ी बिजली दरों में वृद्धि मानी जाएगी। UPPCL ने आयोग से आग्रह किया है कि वह वास्तविक वित्तीय आंकड़ों के आधार पर उचित निर्णय ले।