भारत-पाक संघर्षविराम में अमेरिका की भूमिका, भारत ने किया खंडन
रियाद : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रियाद में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में भारत और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए व्यापारिक प्रोत्साहन देने की पेशकश की थी।
“चलो व्यापार करें,” ट्रंप ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के पास मजबूत, समझदार और अच्छे नेता हैं। वे साथ में डिनर कर सकते हैं।”
उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संघर्षविराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा
भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर हुई बातचीत में व्यापार का कोई मुद्दा नहीं उठा।
“यह सीजफायर पाकिस्तान की अपील पर हुआ था, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से।”
— रणधीर जायसवाल, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय
सऊदी अरब से अब तक का सबसे बड़ा रक्षा समझौता
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चार दिवसीय पश्चिम एशिया यात्रा की शुरुआत सऊदी अरब से की।
उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ अब तक का सबसे बड़ा रक्षा समझौता करते हुए $142 अरब (लगभग ₹11.8 लाख करोड़) की सैन्य डील पर हस्ताक्षर किए।
इसके तहत:
- अमेरिका, सऊदी को अत्याधुनिक सैन्य उपकरण प्रदान करेगा।
- सऊदी अरब, अमेरिका में $20 अरब का निवेश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में करेगा।
ट्रंप की पश्चिम एशिया नीति के प्रमुख लक्ष्य
ट्रंप की यह यात्रा उनकी मध्य-पूर्व नीति के तहत तीन प्रमुख लक्ष्यों पर केंद्रित है:
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाना
- गाजा युद्ध को समाप्त कराना
- तेल कीमतों को नियंत्रण में रखना
यह दौरा सऊदी अरब, कतर और यूएई तक फैला हुआ है और क्षेत्रीय स्थिरता हेतु अमेरिका की रणनीतिक पहल को रेखांकित करता है।