सुंदरकांड का पाठ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है
डॉ. उमाशंकर मिश्र,लखनऊ : हनुमान जी और उनके सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बाहुक, अष्टक आदि का पाठ अक्सर हिंदू घरों में किया जाता है। हनुमान जी को कलयुग के सर्वाधिक जागृत देवता माना जाता है और ये अमर तथा चिरंजीवी हैं।सुंदरकांड को हनुमान जी की आराधना का विशेष और अद्वितीय उपाय माना जाता है। इस खंड में हनुमान जी की बुद्धि, बल, और विवेक का अद्भुत वर्णन है। रामचरितमानस का यह हिस्सा विशेष रूप से हनुमान जी से जुड़ा हुआ है, और इसके पाठ से उनकी कृपा प्राप्त होती है। सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
सुंदरकांड से लाभ
विद्यार्थियों के लिए: सुंदरकांड का पाठ विद्यार्थियों को आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में सहायक होता है।
मानसिक शांति: यह मानसिक शांति और सुकून प्रदान करता है, और मानसिक परेशानियों से मुक्ति दिलाता है।
गृह कलेश: जो लोग गृह कलेश से परेशान हैं, उन्हें यह पाठ विशेष लाभ देता है।
घर का वातावरण: घर का मुखिया यदि इसे नियमित रूप से पाठ करता है, तो घर का वातावरण शांत और सुखमय रहता है।
नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति: यह पाठ नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलवाता है।
रात्रि के डर और बुरे सपनों से मुक्ति: यदि रात्रि को डर लगता हो या बुरे सपने आते हों, तो यह पाठ शांति प्रदान करता है।
कर्ज से मुक्ति: जो लोग कर्ज से परेशान हैं, उन्हें भी यह पाठ कर्ज मुक्ति में सहायक होता है।
बच्चों के संस्कार: यदि बच्चों में संस्कार की कमी हो और वे गलत संगत में हो, तो यह पाठ लाभकारी होता है।
सुंदरकांड का नियमित पाठ
सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से अनेक लाभ होते हैं। यदि इसे हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाकर किया जाए, तो और भी अधिक फल मिलता है। इसे हर दिन नहीं कर सकते तो मंगलवार को इसे पढ़ना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दौरान मांस-मदिरा का सेवन और बुरे आचारों से बचना आवश्यक है, क्योंकि हनुमान जी परम सात्विक देवता हैं। सुंदरकांड का पाठ ज्योतिष में भी अचूक उपाय माना जाता है।
यह विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए फलदायी है जिनकी जन्म कुंडली में मंगल नीच का है या जो पाप ग्रहों से पीड़ित हैं। सुंदरकांड का पाठ इन दोषों से राहत दिलवाने में सहायक होता है। इसके अलावा, सुंदरकांड का पाठ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है, जिससे घर में खुशहाली आती है।
संकल्प का महत्व
सुंदरकांड का पाठ करते समय संकल्प करना बहुत महत्वपूर्ण है। संकल्प से हनुमान जी को विशेष उद्देश्य की याद दिलाई जाती है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। किसी और से पाठ कराना या सुनना कम लाभकारी हो सकता है। यदि आप खुद पाठ करें, तो हनुमान जी की ऊर्जा सीधे आपसे जुड़ती है और स्थायी लाभ होता है।
सुंदरकांड का पाठ करने से पहले संकल्प लें और ध्यान रखें कि मांस, मदिरा, तामसिक भोजन, गाली-गलौज, और दुष्ट संगत से दूर रहें। हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करें। सुंदरकांड का पाठ आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति ला सकता है। यदि आप इसका सही तरीके से पाठ करते हैं और नियमों का पालन करते हैं, तो यह आपके जीवन के सभी संकटों का निवारण करेगा और आपको सकारात्मक परिणाम देगा।