जन्माष्टमी का पर्व आज देशभर में 26 अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाएगा
डॉ उमाशंकर मिश्रा (लखनऊ)
लखनऊ : जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की रात्रि में मनाई जाती है। जन्माष्टमी पर भगवान विष्णु जी के अवतार भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, हर वर्ष जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ पूरे हिंदुस्तान में मनाया जाने वाला अति विशिष्ट पर्व है इस बार जन्माष्टमी पर बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। जैसे योग भगवान कृष्ण के जन्म के समय बने थे वैसे ही योग इस बार भी बन रहे हैं। बता दें कि इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आज 26 अगस्त सोमवार के दिन मनाया जा रहा है । इस बार के बने शुभ योग में व्रत रखने से भक्तों को व्रत को चार गुना अधिक फल मिलने वाला है।
जन्माष्टमी पर बने हैं बेहद शुभ योग
इस बार संयोग ऐसा बना है कि जन्माष्टमी पर अष्टमी तिथि एक ही दिन है जिससे की साधु सन्यासी और गृहस्थ सभी एक ही दिन भगवान कृष्ण की भक्ति उपासना कर पाएंगे। पंचांग की गणना बता रही है कि आज 26 तारीख को सोमवार के दिन अष्टमी तिथि सुबह 08 बजकर 20 मिनट से आरंभ होगी। 27 तारीख दिन मंगलवार को प्रातः 06 बजकर 34 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त होगी। जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र रात्रि में 09 बजकर 10 मिनट से आरंभ होगा और 27 तारीख की रात्रि 08 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
शुभ योग का शुभ संयोग
आज के दिन चंद्रमा वृषभ राशि में होंगे जैसा की भगवान कृष्ण के जन्म के समय संयोग बना था। दरअसल, उस दिन भी चंद्रमा वृषभ राशि में ही थे। जिस रात में अष्टमी तिथि मध्यकाल में होती है उसी दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा का वृषभ राशि में होना बेहद ही शुभ फलदायी रहेगा। साथ में अगर जन्माष्टमी पर सोमवार या बुधवार हो जाए तो यह बहुत ही दुर्लभ संयोग बनाता है। बुधवार और सोमवार को जन्माष्टमी होने पर पर्व का शुभ योग का संयोग बनता है। दरअसल, जिस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था उस दिन बुधवार था। ठीक इससे छह दिन बाद यानी सोमवार को भगवान कृष्ण का नामकरण आदि कार्य किए गए थे। इसलिए जन्माष्टमी सोमवार या बुधवार में होना बेहद शुभ मानी जाती है।
जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त
जन्माष्टमी के दिन वैसे तो आप किसी भी समय पूजन कर सकते हैं। लेकिन, इस दिन पूजा के लिए बेहद ही शुभ मुहूर्त है
रात में 11:45 से से 1:00 तक अर्ध रात्रि समय सबसे उत्तम रहेगा जो जन्माष्टमी पूजन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त है।