किसानों की जमीनों की कटौती कर चक मार्ग और रास्ते देने की की जाती है बात
फतेहपुर-बाराबंकी,संवाददाता : चकबंदी को रोकने के लिए सैकड़ों किसानों ने भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति संगठन के बैनर तले एकत्र होकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सीओ चकबंदी व नायब तहसीलदार को सौंपा। इस दौरान आयोजित किसान पंचायत में किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह पूरा क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र घोषित है। कुर्सी से लेकर अनवारी तक जमीन फुटों में बिक रही है और हजारों फैक्ट्रियां लग गई हैं। किसान पंचायत की अध्यक्षता सत्येन्द्र कुमार मौर्य ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश यादव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “यहां के किसान जब चकबंदी नहीं चाहते हैं, तो जबरदस्ती चकबंदी नहीं थोपी जानी चाहिए। यह पूरा क्षेत्र औद्योगिक क्षेत्र है। चकबंदी के दौरान किसानों की जमीनों की कटौती कर चक मार्ग और रास्ते देने की बात की जाती है, जिससे किसानों का शोषण हो रहा है।”
किसानों का कहना है कि आसपास स्थित कोका कोला की बड़ी फैक्ट्री, अमरून फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, इंटेग्रल विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज और सैकड़ों फैक्ट्रियां विकसित हो चुकी हैं। 70 से 80 प्रतिशत जमीन औद्योगिक कार्यों में प्रयोग हो रही है, जबकि केवल 30 प्रतिशत भूमि कृषि योग्य बची है। ऐसी स्थिति में चकबंदी का कोई औचित्य नहीं बनता। राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्येन्द्र कुमार मौर्य ने कहा कि वे गरीबों, शोषित समाज के लोगों, दलितों, पिछड़ों, किसानों और मजदूरों की आवाज को बुलंद करने के लिए हमेशा शासन-प्रशासन से गुहार करते हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्येन्द्र कुमार मौर्य, राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद सलमान, प्रदेश उपाध्यक्ष अभिषेक यादव, कार्यक्रम के आयोजक उमेश यादव देवमन सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।