अदालत ने याचिकाकर्ता को दी नसीहत, अपराध है, तो वे आपराधिक मामला दर्ज कर सकते हैं
मुंबई,संवाददाता : इन दिनों यो यो हनी सिंह का लेटेस्ट सॉन्ग ‘मैनिएक’ सोशल मीडिया पर छाया हुआ है, लेकिन इस गाने के बोलों को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ था। एक याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस गाने के बोलों में संशोधन करने की मांग की थी, आरोप लगाते हुए कहा था कि गाने में भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल करके महिलाओं का यौन शोषण किया गया है।
हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए टिप्पणी की, “अश्लीलता का कोई धर्म नहीं होता।” न्यायमूर्ति डी.के. उपाध्याय और तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता लव कुश कुमार से कहा, “यह ‘भोजपुरी अश्लीलता’ क्या है? अश्लीलता का कोई धर्म या क्षेत्र नहीं होता। यह बिना शर्त होती है।” अदालत ने आगे कहा, “अश्लीलता अश्लील होती है, और इसे कभी भी किसी क्षेत्र या भाषा से जोड़ने की कोशिश न करें।”
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा, “क्या आपने शारदा सिन्हा के बारे में सुना है?” इस सवाल के साथ अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह विचार करने योग्य नहीं है क्योंकि यह एक निजी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि रिट याचिका केवल राज्य या उसकी संस्थाओं के खिलाफ ही लागू हो सकती है, और यह मामला सार्वजनिक कानून के दायरे में नहीं आता। अदालत ने याचिकाकर्ता को यह सलाह दी कि अगर उन्हें लगता है कि यह अपराध है, तो वे आपराधिक मामला दर्ज कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि इस मामले में एफआईआर या शिकायत दर्ज करने के लिए आपराधिक कानून प्रणाली के विकल्प मौजूद हैं।