शारदीय नवरात्रि 3 से 12 अक्टूबर तक हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में है
लखनऊः शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से है। इन नौ दिनों में की गई पूजा-पाठ का भक्तों को सौ प्रतिशत फल मिलता है।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि तीन से लेकर 12 अक्टूबर तक रहने वाले हैं। नौ दिनों तक चलने वाला महापर्व देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा होती है। इस दौरान उपवास, देवी के मंत्रों का जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की भी परंपरा है।.नवरात्रि के पावन दिनों में हर घर में विशेष रूप से कलश स्थापना, अखंड ज्योति और कन्या पूजन जैसी धार्मिक क्रियाएं की जाती हैं। नौ दिनों तक चलने वाला ये महापर्व देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा होती है. इस दौरान उपवास, देवी के मंत्रों का जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की भी परंपरा है. नवरात्रि के पावन दिनों में हर घर में विशेष रूप से कलश स्थापना, अखंड ज्योति और कन्या पूजन जैसी धार्मिक क्रियाएं की जाती हैं।
नवरात्रि में प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना और कलश स्थापना
घटस्थापना भी एक खास और शुभ मुहूर्त में ही की जाती है. फिर अगले नौ दिन तक देवी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. आइए आपको बताते हैं कि इस बार घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और तिथिनुसार देवी के कौन से स्वरूपों की पूजा की जाएगी।
अभिजित मुहूर्त सुबह 12:03 बजे से लेकर दोपहर 12:51 बजे तक.
शारदीय नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं. पहला मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6:30 बजे से 7:31 बजे तक रहेगा. अगर आप इस शुभ मुहूर्त में घटस्थापना करने से चूक गए हैं तो फिर दूसरा शुभ मुहूर्त अभिजित मुहूर्त है. यह अबूझ मुहूर्त सुबह 12:03 बजे से लेकर दोपहर 12:51 बजे तक रहने वाला है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है.