एकादशी व्रत से जीवन में सुख, शांति, और सफलता का खुलता है द्वार
डॉ उमाशंकर मिश्र,लखनऊ : एकादशी व्रत हिंदू धर्म में एक अत्यंत पुण्य और आध्यात्मिक महत्व रखने वाला उपवास है। यह व्रत प्रत्येक चंद्र मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। एकादशी का अर्थ है ‘ग्यारहवां दिन’, जो मन, शरीर और आत्मा के शुद्धिकरण के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
एकादशी व्रत के लाभ:
- पाप नाशक: एकादशी व्रत से मनुष्य के पाप समाप्त हो जाते हैं और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत आत्म-संयम, ध्यान और साधना के लिए सहायक होता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- धन-धान्य की प्राप्ति: इस व्रत को करने से घर में सुख-शांति, धन-धान्य और समृद्धि आती है।
- पितरों का आशीर्वाद: पितर नीच योनि से मुक्त होकर परिवार पर आशीर्वाद बरसाते हैं।
- रोगों से मुक्ति: यह व्रत शरीर और मन के रोगों से छुटकारा दिलाता है।
- कीर्ति और श्रद्धा में वृद्धि: एकादशी के व्रत से व्यक्ति की कीर्ति और धार्मिक श्रद्धा में वृद्धि होती है।
यह विशेष एकादशी है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन का व्रत करने से अनेक पुण्य प्राप्त होते हैं और यह व्रत विशेष रूप से सफल और उन्नति कारक होता है।
एकादशी के दिन करने योग्य कार्य:
- विष्णु सहस्त्र नाम का जाप करें: अगर घर में झगड़े होते हैं तो इस जाप से शांति और सद्भावना बढ़ती है।
- गुरु मंत्र का जाप करें: अगर विष्णु सहस्त्र नाम उपलब्ध नहीं है, तो 10 माला गुरु मंत्र का जाप करें।
- दान-पुण्य: गरीबों को भोजन कराएं और दान करें, इससे पुण्य का संचित लाभ मिलता है।
सावधानियां:
- वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्तियों को उपवास रखने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन चावल का त्याग अवश्य करें।
- उपवास के दौरान झगड़ों से बचें और मानसिक शांति बनाए रखें।
- एकादशी के दिन चावल खाने से धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पाप की भावना उत्पन्न होती है।