अधिकारियों-कर्मचारियों और प्राइवेट लोगों के बीच आपसी साजिश के तहत झारखंड की आबकारी नीति में किये गए थे बड़े फेरबदल
रांची : ईडी की टीम ने आज सुबह रांची के कई स्थानो पर छापेमारी की I ईडी ने झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी विनय चौबे, आबकारी विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह और झारखंड शराब टेंडर से जुड़ी कई कंपनियों के मालिकों के ठिकानों पर दबिश डाली है। मिली जानकारी के अनुसार, ईडी की यह कार्रवाई शराब घोटाले के मामले में की जा रही है। झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की शराब नीति को ही तीन साल पहले लागू किया था। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट ने शराब घोटाला करके छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया था जिसकी जांच ईडी कर रही है। आरोप है कि इसी सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर झारखंड की आबकारी नीति में परिवर्तन किया। इसके बाद राज्य में देशी और विदेशी शराब का टेंडर भी सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया और झारखंड में बिना हिसाब की डूप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री की गई। इससे करोड़ों रुपयों की अवैध कमाई की गई। जिससे सरकार का राजस्व प्रभावित हुआ।
दर्ज हुई एफआईआर
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आईएएस विनय चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर के आधार पर ईडी छापेमारी कर रही है। विकास चौबे राज्य में 2022 की आबकारी नीति के कार्यान्वयन के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव थे। वहीं, इस शराब घोटाले से जुड़े मामले में ईडी की टीम ने छत्तीसगढ़ में भी छापा मारा था और वहां के अधिकारियों से भी पूछताछ की थी।