दरगाह सुल्तान-उल-हिंद न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी देश की शान के रूप में देखी जाती है
मुंबई,संवाददाता : संभल में शाही मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में मुस्लिम युवकों की मौत और अजमेर दरगाह के सर्वे को लेकर रजा एकेडमी और जमीयत उलेमा ए अहले सुन्नत ने शुक्रवार की नमाज के बाद मुंबई में एक दुआ समारोह का आयोजन किया। इस समारोह का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय में मस्जिदों, मदरसों और दरगाहों के प्रति विश्वास को और मजबूती देना था। रजा एकेडमी के संस्थापक और अध्यक्ष काइद मिल्लत हाजी मुहम्मद सईद नूरी साहब ने कहा, “सदियों से स्थापित दरगाह सुल्तान-उल-हिंद न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी देश की शान के रूप में देखी जाती है। यहां सभी धर्मों के लोग हाजिरी देते हैं और लगाव रखते हैं। अब कुछ शरारती तत्वों को यहां भी मंदिर बनाने का ख्याल आने लगा है। कुछ छोटे वकील अपनी सस्ती प्रसिद्धि के लिए ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं।”
जमीयत उलेमा ए अहले सुन्नत बांबे के उपाध्यक्ष शहजादा शेर मीलत मौलाना एजाज अहमद कश्मीरी ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने देश के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए सर्वे का ठेका ले रखा है। उन्होंने आगे कहा, “पहले ज्ञानवापी मस्जिद, फिर शाही मस्जिद संभल, और अब दरगाह अजमेर शरीफ को भी निशाना बना रहे हैं।” उनका सवाल था कि “क्या निचली अदालतों के जजों के पास और कोई काम नहीं है? आप फालतू याचिकाओं को स्वीकार कर देश में तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं?” इस दुआ समारोह के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग एकजुट होकर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और उनके खिलाफ हो रही नापाक हरकतों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए एकजुट हुए।