एसेलरेटर और टोमोथैरेपी जैसी उन्नत तकनीकों से भी कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है
अहमदाबाद,संवाददाता : गुजरात में कैंसर का इलाज अब और भी प्रभावी और सटीक तरीके से किया जा रहा है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में स्थित गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई) में रोबोट की मदद से रेडिएशन देने वाली अत्याधुनिक मशीनों से कैंसर का उपचार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में तीन लिनियर एसेलरेटर, एक कोबाल्ट (भामाट्रोन), एक इरिडियम (माइक्रो सिलेक्ट्रोन), चार डी सीटी सिम्युलेटर और एक कन्वेंशनल (एक्सरे सिम्युलेटर) जैसी उन्नत मशीनें शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 95 करोड़ रुपये है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि गुजरात देश का इकलौता राज्य है, जहां सरकारी अस्पताल में इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। जीसीआरआई में उपलब्ध इन अत्याधुनिक मशीनों से कैंसर की गांठ को बिना किसी अधिक दुष्प्रभाव के खत्म किया जा रहा है। विशेष रूप से, साइबर नाइफ मशीन का उल्लेख करना जरूरी है, जो 38 करोड़ रुपये की लागत से संस्थान में लाई गई है। यह मशीन कैंसर की 5 मिलीमीटर से लेकर 3 सेंटीमीटर तक की गांठ को उच्चतम सटीकता के साथ इलाज करने में सक्षम है। यह मशीन देशभर में केवल गुजरात के जीसीआरआई में उपलब्ध है।
साइबर नाइफ रोबोटिक लिनियर एसेलरेटर के माध्यम से मस्तिष्क, फेफड़ा, लिवर, मेरूदंड और प्रोस्टेट जैसे संवेदनशील अंगों में कैंसर गांठ का इलाज किया जा रहा है, जिससे स्वस्थ ऊतकों को न्यूनतम नुकसान होता है। इस तकनीक से एक से पांच दिन में उपचार पूरा हो जाता है, और मरीज को अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रहने की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा, ट्रूबीम लिनियर एसेलरेटर और टोमोथैरेपी जैसी उन्नत तकनीकों से भी कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। ट्रूबीम लिनियर एसेलरेटर स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, फेफड़ा, सिर व गले के कैंसर जैसे विभिन्न प्रकार के कैंसर में सटीक रेडिएशन देने में सक्षम है। वहीं, टोमोथैरेपी ट्यूमर को स्लाइस बाय स्लाइस (परत दर परत) ट्रीट करके ओवरडोज और अंडरडोज की समस्या को हल करती है, जिससे कैंसर का उपचार और भी प्रभावी होता है। जीसीआरआई के इस प्रयास से मरीजों को राहत मिल रही है और कैंसर के इलाज में गुजरात राज्य एक अहम कदम और महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में अग्रसर है।