संरक्षित सांपों और इगुआना के अवैध इस्तेमाल का मामला
नई दिल्ली,संवाददाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विवादित यूट्यूबर सिद्धार्थ यादव उर्फ एल्विश यादव, उसके मित्र और गायक राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया, एक निजी कंपनी और उसके निदेशक के खिलाफ धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का आरोप लगाते हुए आरोपपत्र दाखिल किया है। यह मामला संरक्षित वन्यजीवों के अवैध इस्तेमाल से संबंधित है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 13 अक्टूबर को गुरुग्राम की विशेष पीएमएलए अदालत में यह शिकायत दर्ज कराई गई। हालांकि, अदालत ने अभी तक आरोपपत्र पर संज्ञान नहीं लिया है।
एल्विश और फाजिलपुरिया के खिलाफ गंभीर आरोप
सूत्रों ने जानकारी दी कि इस आरोपपत्र में एल्विश यादव (28 वर्ष), फाजिलपुरिया (35 वर्ष), स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक गुरकरण सिंह धालीवाल को आरोपी बनाया गया है। एजेंसी के अनुसार, एल्विश ने 2023 में यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक आपत्तिजनक वीडियो से ₹84,000 की आपराधिक आय अर्जित की। वीडियो में संरक्षित प्रजाति के जीवित सांप और इगुआना दिखाए गए थे।
संगीत वीडियो में किया गया वन्यजीवों का दुरुपयोग
फाजिलपुरिया पर भी ऐसा ही आरोप है। जांच में सामने आया कि वह “32 बोर” नामक संगीत वीडियो के निर्माता हैं जिसमें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 51 का उल्लंघन करते हुए संरक्षित प्रजातियों का प्रयोग किया गया। ईडी ने कहा है कि एल्विश और फाजिलपुरिया ने फॉलोअर बढ़ाने और पैसे कमाने के लिए इन प्रजातियों का अवैध इस्तेमाल किया। ये वीडियो स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपे गए और फिर यूट्यूब पर अपलोड कर राजस्व उत्पन्न किया गया।
पूछताछ और केस का इतिहास
एल्विश यादव और फाजिलपुरिया से ईडी ने अपने लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ की थी। ईडी ने यह मामला मई 2025 में दर्ज किया था। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर और गुरुग्राम पुलिस ने एल्विश के खिलाफ तीन प्राथमिकी और एक आरोपपत्र दर्ज किया था। एल्विश पर एनडीपीएस अधिनियम, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, और आईपीसी की कई धाराओं के तहत भी मामले दर्ज हैं। उल्लेखनीय है कि एल्विश यादव रियलिटी शो ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ के विजेता भी रह चुके हैं और अक्सर अपने विवादास्पद कंटेंट को लेकर चर्चा में रहते हैं।