एक-दूसरे से शेयर करेंगे खुफिया जानकारी
नई दिल्ली/ओटावा,संवाददाता : भारत और कनाडा के संबंधों में दो वर्षों से जारी खटास अब धीरे-धीरे कम होती दिख रही है। कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के पदभार ग्रहण करने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। इसी कड़ी में दोनों देशों के बीच एक नई खुफिया साझेदारी डील संपन्न हुई है, जो आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के विरुद्ध साझा लड़ाई की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, इस डील के अंतर्गत भारत और कनाडा अब एक-दूसरे के साथ आतंकवाद, संगठित अपराध, चरमपंथी गतिविधियों और बॉर्डर पार अपराधों से जुड़ी खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान करेंगे। इस प्रक्रिया में दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां और खुफिया तंत्र शामिल होंगे।
डील की प्रमुख विशेषताएं:
- आतंकवाद से जुड़ी खुफिया जानकारी का नियमित और संरचित आदान-प्रदान
- सीमा पार अपराधों, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक सिंडिकेट और चरमपंथ पर समन्वयित कार्रवाई
- न्यायेतर हत्याओं जैसे संवेदनशील मुद्दों की जांच में सहयोग
- उच्च-स्तरीय अधिकारियों के बीच प्रत्यक्ष समन्वय
- भविष्य में डील के दायरे का और विस्तार संभव
इस समझौते की घोषणा अभी आधिकारिक रूप से नहीं की गई है, लेकिन इसे जल्द ही सार्वजनिक किए जाने की संभावना है।
G7 शिखर सम्मेलन में होगी मुलाकात
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा में 15 से 17 जून के बीच होने वाले G7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा जाएंगे, और इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता की संभावनाएं भी प्रबल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में मार्क कार्नी को चुनाव में विजय पर बधाई दी थी। कार्नी द्वारा प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद यह पहली बड़ी द्विपक्षीय डील मानी जा रही है, जो दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।