उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में यह प्रक्रिया अधूरी है
नई दिल्ली,संवाददाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में एक बार फिर देरी हो गई है। इस बार जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि कई राज्यों में संगठनात्मक असंतोष और आंतरिक मतभेद भी देरी की मुख्य वजह हैं।
संगठनात्मक शर्तें नहीं हुईं पूरी
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब कम से कम 50% राज्य इकाइयों में अध्यक्ष पद की नियुक्ति हो चुकी हो। फिलहाल यह संख्या सिर्फ 14 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों तक सीमित है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में यह प्रक्रिया अधूरी है।
बढ़ते असंतोष की झलकियां
- मध्य प्रदेश: विधायक चिंतामणि मालवीय को सिंहस्थ भूमि विवाद में कारण बताओ नोटिस। मोहान यादव सरकार पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप।
- गुजरात: प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल पर दोहरी ज़िम्मेदारी, मनरेगा घोटाले और पोंजी स्कैम में नेताओं के नाम चर्चा में।
- उत्तर प्रदेश: लोकसभा में सीटें घटने के बाद ओबीसी नेताओं में नाराज़गी। शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की माँग।
- पश्चिम बंगाल: दिलीप घोष और सुवेंदु अधिकारी के बीच अंदरूनी संघर्ष।
- तेलंगाना: जी. किशन रेड्डी की जगह नए चेहरे की तलाश, कई दावेदार रेस में।