जेडीयू के अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है
नई दिल्ली,संवाददाता : वक्फ संशोधन बिल अब लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया है। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, जहां मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। दोनों सदनों में लंबी बहस के बाद यह बिल पारित हुआ। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने अपनी-अपनी राय रखी। लेकिन इस बिल के पारित होने के बाद बिहार की राजनीति में घमासान मच गया है, क्योंकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में मुस्लिम नेताओं में नाराजगी खुलकर सामने आ गई है।
वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने के कारण अब एक के बाद एक जेडीयू के मुस्लिम नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। जेडीयू के अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। यह नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका है। मोहम्मद अलीग ने पार्टी के प्राथमिक सदस्य और अन्य जिम्मेदारियों से इस्तीफा देते हुए सीएम नीतीश कुमार को त्यागपत्र लिखा। उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा कि वक्फ संशोधन बिल के प्रति नीतीश कुमार और पार्टी का समर्थन ने उनके विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है। उनका इस्तीफा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भी भेजा गया है।
जेडीयू नेता अफजल अब्बास ने भी वक्फ बिल के विरोध में अपनी आवाज उठाई है। अफजल अब्बास का कहना है कि मुस्लिम समुदाय इस बिल को लेकर बहुत गुस्से में है और नीतीश कुमार से नाराज है। अफजल अब्बास बिहार में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। उनका कहना है कि पार्टी का इस बिल का समर्थन मुस्लिम समाज को प्रभावित कर रहा है। इससे पहले जेडीयू के कई मुस्लिम नेताओं ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे इस बिल के खिलाफ हैं। नवाज मलिक ने भी इस बिल का समर्थन करने को गलत बताया था। इसके अलावा, कासिम अंसारी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। अब मोहम्मद तबरेज सिद्दीकी अलीग के इस्तीफे से यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है। वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करना नीतीश कुमार के लिए भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। जेडीयू के मुस्लिम नेताओं के इस्तीफे से यह साफ हो गया है कि बिहार में पार्टी के भीतर और बाहर इस बिल को लेकर गहरी नाराजगी है। इस तरह से वक्फ संशोधन बिल पर समर्थन देने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी में बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे का असर बिहार की राजनीति पर किस तरह पड़ता है।