यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने इस मामले में जारी किया अंतिम आदेश
नई दिल्ली,संवाददाता : यमन में काम करने गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में मौत की सजा मिलने के बाद भारत सरकार ने आज आश्वासन दिया कि प्रिया को बचाने के लिए उनके परिवार को विधिसम्मत हरसंभव मदद दी जा रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने निमिषा प्रिया के मामले पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हम यमन में निमिषा प्रिया को सजा सुनाए जाने से अवगत हैं। हम समझते हैं कि उनका परिवार समुचित विकल्प तलाश रहा है। सरकार इस मामले में हरसंभव मदद कर रही है।” वहीं, 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के मामले में निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई थी। प्रिया के परिवार ने इस मामले को लेकर यमन सरकार से मदद की अपील की थी।
निमिषा प्रिया के मामले के अनुसार, वह 2012 में यमन एक नर्स के तौर पर काम करने गई थीं। 2015 में, निमिषा और तलाल ने मिलकर वहां एक क्लीनिक शुरू किया, लेकिन तलाल ने धोखे से क्लीनिक में अपना नाम शेयरहोल्डर के तौर पर शामिल किया और आधी आय हड़पने की कोशिश की। जब निमिषा ने इसका विरोध किया, तो तलाल ने उसके साथ मारपीट और यौन शोषण करना शुरू कर दिया। इस उत्पीड़न से तंग आकर निमिषा ने जुलाई 2017 में तलाल को नशीला इंजेक्शन दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। निमिषा का कहना है कि उसका इरादा तलाल को मारने का नहीं था, बल्कि उसका उद्देश्य केवल अपने पासपोर्ट को वापस लेना था, जो तलाल के पास था। हालांकि यमन की निचली अदालत ने निमिषा को दोषी ठहराया और मृत्युदंड की सजा सुनाई, यमनी सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसले को बरकरार रखा। सोमवार को यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने इस मामले में अंतिम आदेश जारी किया।