दोनों देशों के बीच रणनीतिक, सांस्कृतिक और वैश्विक सहभागिता की जुड़ी हैं जड़ें
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर जापान के यामानाशी प्रांत से आए एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने जापान के गवर्नर कोटारो नागासाकी के नेतृत्व में आए इस प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि भारत और जापान के संबंध सदियों से मित्रवत रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एक सहस्त्राब्दी से अधिक समय से रणनीतिक, सांस्कृतिक और वैश्विक सहभागिता की जड़ें जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, “आज जब दुनिया के कई देश युद्ध में हैं, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान बुद्ध के संदेश के माध्यम से दुनिया को शांति, सौहार्द और एकता के सूत्र में बांधने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने करीब दो मिनट तक जापानी भाषा में भी अपने विचार साझा किए, जिसमें वे बेहद सहज और मुस्कुराते हुए नजर आए। उन्होंने कहा, “भारत और जापान बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हैं और दोनों देशों में समान सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताएं हैं। हम लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी प्रणालियों के साथ-साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी एक जैसे हैं।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे के प्रगाढ़ संबंधों ने भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से जापानी कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छा भी जताई। इस बैठक के दौरान, राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और यामानाशी प्रांत के गवर्नर के नीति नियोजन ब्यूरो के महानिदेशक जुनिची इशीदेरा ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश और जापान के बीच हुआ यह एमओयू लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवता के लिए महत्वपूर्ण क्वाड देशों के साथ मिलकर काम करने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का परिणाम है।”