ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र
लखनऊ : 23 नवम्बर, शनिवार को भैरव अष्टमी पर्व है। यह दिन भगवान भैरव और उनके सभी रूपों के समर्पित होता है। भगवान भैरव को भगवान शिव का ही एक रूप माना जाता है,इनकी पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है। भगवान भैरव को कई रूपों में पूजा जाता है। भगवान भैरव के मुख्य 8 रूप माने जाते हैं। उन रूपों की पूजा करने से भगवान अपने सभी भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें अलग-अलग फल प्रदान करते हैं।
भगवान भैरव के आठ रूप जानें कौन-सी मनोकामना के लिए करें किसकी पूजा
कपाल भैरव : इस रूप में भगवान का शरीर चमकीला है, उनकी सवारी हाथी है । कपाल भैरव एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे में तलवार तीसरे में शस्त्र और चौथे में पात्र पकड़े हैं। भैरव के इन रुप की पूजा अर्चना करने से कानूनी कारवाइयां बंद हो जाती है । अटके हुए कार्य पूरे होते हैं ।
क्रोध भैरव : क्रोध भैरव गहरे नीले रंग के शरीर वाले हैं और उनकी तीन आंखें हैं । भगवान के इस रुप का वाहन गरुण हैं और ये दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी माने जाते ह । क्रोध भैरव की पूजा-अर्चना करने से सभी परेशानियों और बुरे वक्त से लड़ने की क्षमता बढ़ती है ।
असितांग भैरव : असितांग भैरव ने गले में सफेद कपालों की माला पहन रखी है और हाथ में भी एक कपाल धारण किए हैं । तीन आंखों वाले असितांग भैरव की सवारी हंस है । भगवान भैरव के इस रुप की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य में कलात्मक क्षमताएं बढ़ती है ।
चंद भैरव : इस रुप में भगवान की तीन आंखें हैं और सवारी मोर है ।चंद भैरव एक हाथ में तलवार और दूसरे में पात्र, तीसरे में तीर और चौथे हाथ में धनुष लिए हुए है। चंद भैरव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलता हैं और हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की क्षमता आती है ।
गुरू भैरव : गुरु भैरव हाथ में कपाल, कुल्हाडी, और तलवार पकड़े हुए है ।यह भगवान का नग्न रुप है और उनकी सवारी बैल है।गुरु भैरव के शरीर पर सांप लिपटा हुआ है।गुरु भैरव की पूजा करने से अच्छी विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है ।
संहार भैरव : संहार भैरव नग्न रुप में है, और उनके सिर पर कपाल स्थापित है ।इनकी तीन आंखें हैं और वाहन कुत्ता है । संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं और शरीर पर सांप लिपटा हुआ है ।इसकी पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म हो जाते है ।
उन्मत भैरव : उन्मत भैरव शांत स्वभाव का प्रतीक है । इनकी पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सारी नकारात्मकता और बुराइयां खत्म हो जाती है । भैरव के इस रुप का स्वरूप भी शांत और सुखद है । उन्मत भैरव के शरीर का रंग हल्का पीला हैं और उनका वाहन घोड़ा हैं।
भीषण भैरव : भीषण भैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है । भीषण भैरव अपने एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे हाथ में तलवार और चौथे में एक पात्र पकड़े हुए है ।भीषण भैरव का वाहन शेर है ।