देव, पितृ, यक्ष, नाग, गंधर्व सबको करेंगे प्रसन्न
डॉ उमाशंकर मिश्रा, लखनऊः
श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहते हैं। इस अमावस्या पर प्रकृति में चारों ओर हरियाली छा जाती है।
इस वर्ष हरियाली अमावस्या 4 अगस्त यानी कल रविवार को है। उपाय बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा जी एवं ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव जी:
1—-. पितृदोष से मुक्ति : इस दिन पितृदोष से मुक्ति के लिए किसी नदी किनारे या कुंड के पास पिंडदान, तर्पण आदि कार्य करते हैं।
2—-. पितृ शांति : इस दिन पितृशांति के लिए पितृसूक्त पाठ, गीता पाठ, गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष पाठ, रुचि कृत पितृ स्तोत्र, पितृ गायत्री पाठ, पितृ कवच का पवित्र पाठ या पितृ देव चालीसा का पाठ करके पितृ आरती कर सकते हैं।
3—-. दीपदान : इस दिन दान के साथ ही दीपदान भी करना चाहिए। इस दिन आटे के दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करने से यम, पितृदेव और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। पद्मपुराण के उत्तरखंड में स्वयं महादेव और कार्तिकेय को दीप अमावस दीपावली, कार्तिक कृष्णपक्ष के पांच दिन में दीपदान का विशेष महत्व बताते हैं।
4—– शनि दोष : इस दिन शनिदेवजी के मंदिर में विधि अनुसार दीपक लगाने से वे प्रसन्न होते हैं और शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
5—- पीपल परिक्रमा : इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करके उसकी परिक्रमा की जाती है।
6—- मछली को दाना : इस दिन किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाने से धन समृद्धि की प्राप्ति होती है।
7—- . चींटियों को आटा : इस दिन घर के पास चींटियों को सूखे आट में चीनी मिलाकर खिलाने से संभी तरह के संकट दूर होते हैं।
8—-. ब्राह्मण भोज : इस दिन किसी ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद उसे दक्षिणा दें।
9—-. व्रत : इस दिन व्रत करने का भी बहुत महत्व बताया गया है। सभी तरह के रोग और शोक मिटाने हेतु विधिवत रूप से इस दिन व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है जिससे देव, पितृ, यक्ष, नाग, गंधर्व आदि सभी प्रसन्न होते हैं।
10— प्रसाद : इस दिन गेहूं और ज्वार की धानी का प्रसाद वितरण करें।
11—– सुख समृद्धि के उपाय : हरियाली अमावस्या की रात्रि में पूजा करते समय पूजा की थाली में स्वास्तिक या ॐ बनाकर और उसपर महालक्ष्मी यंत्र रखें फिर विधिवत पूजा अर्चना करें, ऐसा करने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होगा और आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।
12—-. पौधा रोपण : हरियाली अमावस्या के दिन पौधा रोपण या वृक्षारोपण का बहुत महत्व है। आम, आंवला, केला, नींबू, तुलसी, पीपल, वटवृक्ष और नीम के पौधों को रोपने का विशेष महत्व बताया गया है। वृक्ष रोपण करने ग्रह नक्षत्र और पितृदोष शांत हो जाते हैं।
13— हनुमान पूजा : इस दिन सभी तरह की अला बला या उपरी बाधाओं से मुक्ति हेतु हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
14—-. शिव पूजा : हरियाली अमावस्या पर विशेष तौर पर शिवजी का पूजन-अर्चन किया जाता है। शिवजी को सफेद आंकड़े के फूल, बिल्व पत्र और भांग, धतूरा चढ़ाएं।
15– गीता पाठ या मंत्र जप : इस दिन श्रीकृष्ण और श्रीविष्णु के मंत्रों का जाप और श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना चाहिए। इससे जीवन की सभी तरह की समस्याओं के अंत हो जाएगा।