बाराबंकी में सेनानियों को किया गया सम्मानित, सभागार गूंजा भावनाओं से
बाराबंकी, संवाददाता : आज का दिन जनपदवासियों के लिए भावनाओं से भरा और लोकतंत्र के प्रति गहरे समर्पण का प्रतीक बन गया। प्रदेश सरकार के निर्देश पर आज जिले में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को आपातकाल दिवस के रूप में मनाया गया। यह दिन न केवल इतिहास की कठिन घड़ियों की याद दिलाने वाला रहा, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को पुनः आत्मसात करने का अवसर भी बना। कार्यक्रम की शुरुआत कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीए सभागार में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी एवं मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सूदन द्वारा हस्ताक्षर अभियान से की गई। प्रवेश द्वार पर लगाए गए कैनवास पर उपस्थित नागरिकों, अधिकारियों और लोकतंत्र सेनानियों ने लोकतंत्र की रक्षा के संकल्प के साथ अपने हस्ताक्षर किए। यह दृश्य भावुक कर देने वाला था, जब उम्रदराज लोकतंत्र सेनानियों ने हाथों से हस्ताक्षर कर जनतंत्र की अहमियत को फिर से जीवंत कर दिया।
सभागार में सजी लोकतंत्र की गवाही
सभा कक्ष में एक विशेष चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें आपातकाल के दौर की घटनाओं, संघर्षों और विरोध के प्रतीकों को दर्शाया गया। स्क्रीन पर चलते चित्रों ने उपस्थितजनों को उस काल की भयावहता और जनआंदोलन की ताकत का अहसास कराया।
सेनानियों को मिला लोकतंत्र का सम्मान
कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण तब आया, जब लोकतंत्र सेनानी राम मिलन मिश्र, अजय सिंह गुरु जी, अधिवक्ता सुशील कुमार वर्मा एवं लल्लू प्रसाद वर्मा को मंच पर आमंत्रित कर उन्हें माला पहनाकर, अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य, जिला पंचायत अध्यक्षा राजरानी रावत, डीएम शशांक त्रिपाठी और सीडीओ अन्ना सूदन की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की। मंच से सम्मान प्राप्त करते समय कुछ सेनानियों की आंखें नम थीं — ये आंसू संघर्ष की स्मृति के भी थे और सम्मान की गरिमा के भी।
वर्षभर चलेगा लोकतंत्र का पर्व
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार यह स्मरणोत्सव अब एक दिन का नहीं रहेगा। 25 जून 2025 से 25 जून 2026 तक पूरे वर्ष प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों के प्रति जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। बाराबंकी में भी इस क्रम में विभिन्न विभागों, विद्यालयों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से संगोष्ठियों, प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा।
लोकतंत्र की लौ फिर हुई प्रज्वलित
आज का दिन बाराबंकी में लोकतंत्र के प्रति एक नई चेतना, नई ऊर्जा और नई आस्था का संदेश देकर गया। संघर्षों की उस काली रात को याद करते हुए जनपद ने एक स्वर में लोकतंत्र के उजाले को सलाम किया। यहां बात करने पर आपातकाल सेनानी अजय सिंह गुरु जी ने बताया कि हमने अंधेरे के उस दौर को देखा है, अब इस उजाले की हिफाजत जिम्मेदारी आप पर है।