पार्टी द्वारा राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर दो स्तरों पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है
नई दिल्ली,संवाददाता : कांग्रेस पार्टी अपने संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत संगठनात्मक ढांचे को सशक्त करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। उत्तर प्रदेश में 131 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब गुजरात में भी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर 40 नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। मध्यप्रदेश में यह प्रक्रिया जारी है और इसके बाद अब राजस्थान एवं हरियाणा की बारी है। राजस्थान में निष्क्रिय जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। पार्टी नेतृत्व ने साफ संकेत दिए हैं कि निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दरअसल, कांग्रेस इस वर्ष संगठन को नए सिरे से सशक्त करने की रणनीति पर कार्य कर रही है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी खुद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कर रहे हैं। संगठन को ज़मीन पर मजबूती देने के लिए जुझारू और सक्रिय नेताओं की खोज की जा रही है। पार्टी द्वारा राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर दो स्तरों पर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। ये पर्यवेक्षक फील्ड में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद कर फीडबैक एकत्र कर रहे हैं। इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर जिलाध्यक्षों को बदला जा रहा है।
गुजरात में 40 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से पहले 43 राष्ट्रीय और 183 प्रदेश स्तरीय पर्यवेक्षक ब्लॉक स्तर तक पहुंचे। मध्यप्रदेश में भी पर्यवेक्षक फीडबैक ले रहे हैं और उस आधार पर नियुक्तियां तय की जा रही हैं। अब राजस्थान में आठ नए जिलों के गठन के साथ करीब 18 जिलों में निष्क्रिय अध्यक्षों को बदले जाने की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बैठक हो चुकी है। जल्द ही राजस्थान और हरियाणा के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।