धर्म के नाम पर आतंक को सहन नहीं किया जाएगा
नई दिल्ली,संवाददाता : केंद्र सरकार की ओर से आतंकवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के अभियान के तहत, शिवसेना नेता और सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में यूएई, सिएरा लियोन, लाइबेरिया और कांगो की यात्रा पूरी की। इस यात्रा को भारत के आतंकवाद विरोधी रुख के प्रचार में एक “रणनीतिक सफलता” के रूप में देखा जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य
शिंदे ने कहा कि इस 14 दिवसीय दौरे का मुख्य उद्देश्य था:
- सीमापार आतंकवाद पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करना
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और संदर्भ साझा करना
- पाकिस्तान द्वारा इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) मंचों पर फैलाए गए दुष्प्रचार को चुनौती देना
- आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक समर्थन को मजबूत करना
शिंदे ने जोर देकर कहा, “हम दुनिया को व्यापार और तकनीक देते हैं, पाकिस्तान आतंकवाद। यह संदेश हमने OIC और UNSC के वर्तमान व भावी सदस्यों तक पहुंचाया।” यूएई के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि “धर्म के नाम पर आतंक को सहन नहीं किया जाएगा” और भारत के रुख का उन्होंने स्पष्ट समर्थन किया।
सिएरा लियोन की ऐतिहासिक प्रतिक्रिया
- संसद में प्रस्ताव पारित
- पाकिस्तान की निंदा
- पहलगाम आतंकी हमले पर दो मिनट का मौन
शिंदे ने इसे “OIC के सदस्य राष्ट्र द्वारा दूसरे सदस्य की सार्वजनिक आलोचना” करार देते हुए ऐतिहासिक बताया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख सदस्य:
- बांसुरी स्वराज (भाजपा)
- ई.टी. मोहम्मद बशीर (IUML)
- सस्मित पात्रा (BJD)
- एसएस अहलूवालिया (पूर्व मंत्री)
- सुजान चिनॉय (पूर्व राजनयिक)
उठाए गए मुख्य बिंदु:
- पाकिस्तान में पनपते आतंकी संगठन
- 26/11 जैसे हमलों का हवाला
- ओसामा बिन लादेन का पाकिस्तान में छिपना
- भारत में हमलों का ऐतिहासिक क्रम (1947 से)