शुरुआत में हमने पाकिस्तान को एक संदेश भेजा था कि हमारा निशाना आतंकवादी ढांचे पर है, न कि उनकी सेना पर
नई दिल्ली,संवाददाता : ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल में कम हुए सैन्य तनाव के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने ऑपरेशन की शुरुआत में ही पाकिस्तान को हमले की जानकारी देकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया है।
राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर लिखा:
“हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था। विदेश मंत्री ने खुद इसे स्वीकार किया है। इसकी इजाजत किसने दी? और इसका क्या परिणाम हुआ? क्या हमारी वायुसेना ने विमान गंवाए?”
जयशंकर के बयान को लेकर मचा सियासी घमासान
राहुल गांधी की यह प्रतिक्रिया विदेश मंत्री एस. जयशंकर की एक हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आई, जिसमें जयशंकर ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया था कि भारत का लक्ष्य आतंकवादी ढांचा है, न कि पाकिस्तानी सेना।
जयशंकर के अनुसार,
“7 मई की रात 1 से 1:30 बजे के बीच भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला को फोन कर बताया कि भारतीय हमले का निशाना केवल आतंकी ठिकाने हैं, सेना नहीं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान को बातचीत का विकल्प भी दिया था, जिसे उसने ठुकरा दिया।
विदेश मंत्रालय की सफाई: राहुल का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत
राहुल गांधी के आरोपों के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पाकिस्तान को सूचना ऑपरेशन शुरू होने के बाद दी गई थी, न कि पहले। राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान तथ्यों की तोड़-मरोड़ है।”
क्या भारतीय वायुसेना ने कोई विमान गंवाया?
मई में हुई प्रेस ब्रीफिंग में जब यह सवाल पूछा गया कि क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने कोई वायुसेना विमान खोया, तो एयर मार्शल ए. के. भारती ने जवाब देने से इनकार करते हुए कहा,
“वर्तमान युद्ध स्थिति को देखते हुए हम इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।”
हालांकि, सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने स्पष्ट किया,
“किसी भी युद्ध में कुछ हानियां होती हैं, लेकिन हमारे सभी रणनीतिक लक्ष्य पूरे किए गए हैं और वायुसेना के सभी पायलट सुरक्षित लौटे हैं।”