पहले ही मंजूर की जा चुकी है मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति
नई दिल्ली,संवाददाता : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक और सैन्य मोर्चों पर निर्णायक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच सात लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर लगभग 40 मिनट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी शामिल हुए। बैठक का फोकस आतंकवाद से निपटने की रणनीति, नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मौजूदा हालात और पाकिस्तान को दिए जाने वाले जवाब पर केंद्रित रहा। इससे पहले रक्षा मंत्री ने आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी से मुलाकात कर सेना की तैयारियों और जवाबी कार्रवाई की समीक्षा की। सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने एलओसी पर पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया है, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस बीच, भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन (एम) लड़ाकू विमानों की डील भी सोमवार को अंतिम रूप लेने जा रही है। यह डील प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा पहले ही मंजूर की जा चुकी है और भारतीय नौसेना की शक्ति में अहम इजाफा करेगी।
रविवार को रक्षा मंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान से भी बैठक की, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सैन्य रणनीति और सशस्त्र बलों की तैयारियों पर गहन चर्चा हुई। इसी दिन बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने गृह मंत्रालय में सीमा सुरक्षा को मजबूत करने पर समीक्षा बैठक की, जिसमें पंजाब और राजस्थान बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए। भारत सरकार ने पहले ही सिंधु जल संधि को निलंबित करने, अटारी-वाघा सीमा को बंद करने और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे कई सख्त कदम उठाए हैं। सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया गया है कि बीती रात कुपवाड़ा और पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने अचानक गोलीबारी शुरू की, जिसका भारतीय सेना ने जवाब दिया, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की यह आपात बैठक भारत की सैन्य और कूटनीतिक रणनीति को नई दिशा देने वाली मानी जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।