कलेक्टर को नहीं होना चाहिए वक्फ संपत्ति के निर्धारण का प्रभारी, कुछ सदस्यों के कथन पर रिजिजू ने जताई आपत्ति
दिल्ली,संवाददाता : लोकसभा ने बुधवार को वक्फ संपत्तियों की देखरेख और प्रबंधन को व्यवस्थित करने वाले वक्फ (संशोधन) विधेयक को मत विभाजन के बाद पारित कर दिया। इस विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े। इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि बहुमत प्रस्ताव के पक्ष में था।
इसके अतिरिक्त, आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने विधेयक में संशोधन प्रस्ताव पर फिर से मत विभाजन की मांग की, जिसके पक्ष में 231 और विरोध में 288 मत पड़े, जिसके बाद प्रेमचंद्रन का संशोधन प्रस्ताव गिर गया। एक अन्य संशोधन में मत विभाजन के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 मत पड़े। विधेयक पर हुई 11 घंटे की चर्चा के बाद, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वक्फ से संबंधित कई विवादित मामले लंबित हैं, जिसके कारण लोग परेशान हैं और यह समस्या वक्फ संपत्ति के उचित प्रबंधन की कमी के कारण हुई है। उन्होंने बताया कि यही कारण है कि सरकार वक्फ संपत्ति के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए यह संशोधन विधेयक लेकर आई है।
रिजिजू ने कुछ सदस्यों के इस कथन पर आपत्ति जताई कि कलेक्टर को वक्फ संपत्ति के निर्धारण का प्रभारी नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कलेक्टर जिले का प्रशासनिक अधिकारी होता है और उसे यह अधिकार देना एक उचित कदम है। विधेयक के माध्यम से सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की कोशिश की है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण में बाधा न आए। उन्होंने उन आरोपों को भी खारिज किया, जिनमें भाजपा पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाया गया था। रिजिजू ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा देशहित और अल्पसंख्यकों के हित में कदम उठा रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक का व्यापक समर्थन है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के सभी नागरिक, विशेषकर अल्पसंख्यक, शांति से जी सकें।