आप के गुरमीत सिंह मीत हेयर ने भी इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई
लखनऊ,संवाददाता : आज संसद में वक्फ संशोधन बिल को 12 बजे पेश किया जाएगा, लेकिन इससे पहले ही पूरे देश में इसे लेकर गर्मा-गर्मी का माहौल बन गया है। एक तरफ जहां कई राजनीतिक दलों ने इस बिल का समर्थन किया है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों ने इसे लेकर विरोध शुरू कर दिया है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का विरोध करेगी और कोई भी इसके समर्थन में वोट नहीं करेगा। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ वोट की राजनीति कर रही है। वहीं, AIMIM दिल्ली स्टेट प्रेसिडेंट शोएब जमई ने चेतावनी दी कि अगर वक्फ संशोधन बिल को मुसलमानों पर जबरन थोपने की कोशिश की गई तो मुस्लिम समाज देशव्यापी आंदोलन करेगा। शोएब जमई ने कहा कि आंदोलन की शुरुआत दिल्ली से की जाएगी, जहां पिछला आंदोलन समाप्त हुआ था। उन्होंने इसे संविधान में दिए गए अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताया।
AAP के गुरमीत सिंह मीत हेयर ने भी इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल इस बिल के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होंगे, क्योंकि यह बिल मुसलमानों के हक में नहीं है और इसके पारित होने के बाद जो सदस्य बनाए जाने की बात कही जा रही है, वे गैर-मुस्लिम होंगे। उनका कहना है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ एक साजिश है और इस देश में कोई भी मुसलमान इसे स्वीकार नहीं करेगा।
बीजेपी के पास बहुमत न होने के बावजूद, उनके सहयोगी दलों ने भी कुछ मुद्दों पर विरोध जताया था, जैसा कि किसानों के लिए कानून लाने के समय देखा गया था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जनता की मांगों को नजरअंदाज किया और केवल दंगे भड़काने का काम किया। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी इस बिल पर सवाल उठाए और कहा कि वह इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार यह कह रही है कि मुस्लिम समुदाय का कुछ नहीं बिगड़ेगा, लेकिन वक्फ संशोधन के जरिए ऐसी व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं, जिनसे विवाद और असुरक्षा पैदा हो सकती है। उनका कहना है कि यह बिल संविधान के सिद्धांतों का मजाक उड़ा रहा है। वक्फ संशोधन बिल को लेकर तकरार अब संसद के भीतर और बाहर तेज हो गई है, और सभी की नजरें इस पर होने वाली आगामी बहस और फैसले पर टिकी हैं।