भारत ने अब तक टूर्नामेंट में सभी मुकाबले जीतकर फाइनल तक पहुंचने में हासिल की है सफलता
दुबई,संवाददाता : दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला खेला जाएगा। यह मैच एक ऐतिहासिक पल है क्योंकि 25 साल पहले, दोनों टीमें इसी इवेंट के फाइनल में आमने-सामने आई थीं, जहां भारत को सौरव गांगुली की कप्तानी में चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। अब 25 साल बाद भारतीय क्रिकेट टीम को फिर से उसी विरोधी के खिलाफ उसी इवेंट के फाइनल में जगह मिली है, और उनके पास पुरानी हार का बदला लेने का मौका होगा।
भारत ने अब तक टूर्नामेंट में सभी मुकाबले जीतकर फाइनल तक पहुंचने में सफलता हासिल की है, जबकि न्यूजीलैंड की टीम को केवल भारत से ही हार का सामना करना पड़ा था। ग्रुप ए में, जहां भारत ने अपने सभी मैच जीते, न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश और पाकिस्तान को हराया, लेकिन भारत के खिलाफ उन्हें हार मिली। इसके बावजूद, कीवी टीम ग्रुप के दूसरे स्थान पर रही और सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर फाइनल में जगह बनाई।
भारत और न्यूजीलैंड की टीमें अब तक दो बार आईसीसी इवेंट्स के फाइनल में भिड़ चुकी हैं, और दोनों बार न्यूजीलैंड ने भारत को हराया है। 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हारने के बाद, भारतीय टीम ने तीन बार फाइनल में जगह बनाई, जिनमें से दो बार उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। वहीं, न्यूजीलैंड की टीम 2000 के बाद सिर्फ 2009 में फाइनल में पहुंची और ऑस्ट्रेलिया से हार गई। साल 2000 में हुए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सौरव गांगुली के शानदार शतक और सचिन तेंदुलकर के अर्धशतक की मदद से 264 रन बनाए थे। जवाब में, न्यूजीलैंड ने क्रिस क्रेंस के नाबाद 102 रनों की पारी की बदौलत 2 गेंद पहले 6 विकेट खोकर लक्ष्य को हासिल कर लिया। भारत के बल्लेबाजों में ओपनर्स के अलावा कोई भी ज्यादा देर टिक नहीं सका, और गेंदबाजी में अजीत अगरकर और जाहिर खान की कड़ी आलोचना हुई, जिससे भारत को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। अब, भारत और न्यूजीलैंड के बीच 9 मार्च को होने वाला फाइनल एक ऐतिहासिक मुकाबला होगा। टीम इंडिया के पास 25 साल बाद पुरानी हार का बदला लेने और अपनी ताकत को साबित करने का सुनहरा अवसर है।