वर्ष 2019 से 2024 के दौरान भी शाह समिति के अध्यक्ष थे
नयी दिल्लीः केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सोमवार को सर्वसम्मति से पुनः संसदीय राजभाषा समिति का अध्यक्ष चुन लिया गया। गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार नई सरकार के गठन के पश्चात संसदीय राजभाषा समिति के पुनर्गठन के लिए समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री को समिति का अध्यक्ष चुना गया। वर्ष 2019 से 2024 के दौरान भी श्री शाह समिति के अध्यक्ष थे। गृह मंत्री ने सर्वसम्मति से पुनः अध्यक्ष चुने जाने पर संसदीय राजभाषा समिति के सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।
अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 75 वर्षों से हम राजभाषा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं लेकिन विगत 10 वर्षों में इसके तरीके में थोड़ा परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि के एम मुंशी और एन जी आयंगर ने बहुत सारे लोगों से विचार-विमर्श करके ये तय किया था कि हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार करने और इसे सरकारी कामकाज में आगे बढ़ाने के क्रम में किसी भी स्थानीय भाषा के साथ हिंदी की स्पर्धा न हो।
श्री शाह ने कहा कि विगत 10 वर्षों में समिति ने लगातार यह प्रयास किया है कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं की सहेली बने और इसकी किसी से कोई स्पर्धा न हो। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी भी स्थानीय भाषा के बोलने वालों के मन में हीनभावना न आए और हिंदी सामान्य रूप से सर्वसम्मति व सहमति से कामकाज की भाषा के रूप में स्वीकृत हो।