करछना तहसील के इसौटा गांव में हुए बवाल के बाद एक्शन में है पुलिस
प्रयागराज, संवाददाता : प्रयागराज के करछना तहसील के इसौटा गांव में रविवार को हुए बवाल के मामले में पुलिस ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। यह हिंसा उस समय भड़क उठी जब नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद को गांव में प्रवेश से रोक दिया गया।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) यमुनानगर, विवेक चंद्र यादव ने जानकारी दी कि हिंसा के दौरान पथराव और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। शेष की पहचान की जा रही है। पुलिस ने मौके से लावारिस हालत में मिलीं लगभग 42 मोटरसाइकिलें सीज कर ली हैं। उन्होंने बताया कि दोषियों के खिलाफ कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भरपाई भी उपद्रवियों से ही करवाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि इसौटा गांव के देवीशंकर नामक युवक की 13 अप्रैल को जलने से मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया है कि यह एक हत्या है और देवीशंकर को जलाकर मारा गया है। चंद्रशेखर आजाद इसी पीड़ित परिवार से मिलने प्रयागराज आए थे और सर्किट हाउस पहुंचे थे।
प्रशासनिक आदेशों के चलते उन्हें गांव जाने की अनुमति नहीं दी गई। सांसद चंद्रशेखर ने बवाल के बाद सफाई दी कि हिंसा करने वाले लोग उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता पूरे समय सर्किट हाउस में शांतिपूर्ण ढंग से उपस्थित रहे। उन्होंने उपद्रव के पीछे किसी गहरी साजिश की ओर संकेत भी किया। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस की तीन गाड़ियों समेत एक दर्जन से अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। कई मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया। पथराव में चौकी प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि आम नागरिक, महिलाएं और बच्चे भी चोटिल हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है, लेकिन घटना के बाद इलाके में तनाव व्याप्त है। कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।