युवाओं को इतिहास से सबक लेना जरूरी, लोकतंत्र की रक्षा हर पीढ़ी की जिम्मेदारी

बाराबंकी, संवाददाता : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को सफेदाबाद स्थित मेयो इंस्टिट्यूट में पत्रकारों से वार्ता करते हुए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे दर्दनाक दौर बताया। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को जबरन थोपा गया आपातकाल न सिर्फ संविधान की अवहेलना थी, बल्कि यह देशवासियों की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार पर क्रूर हमला था। उन्होंने इसे तानाशाही मानसिकता की चरम अभिव्यक्ति बताया। पत्रकार वार्ता के बाद परिसर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ने भाजपा व सहयोगी संगठनों के नेतृत्व में आपातकाल के विरुद्ध संघर्षरत सेनानियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इतिहास के इस अंधेरे कालखंड को पढ़ें और समझें ताकि भविष्य में फिर कोई सत्ताधारी लोकतंत्र का गला न घोंट सके।
समाजवादी पीडीए नहीं परिवारवादी
कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के जनपद प्रभारी मंत्री सुरेश राही, एमएलसी अवनीश पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, एमएलसी अंगद सिंह, पूर्व विधायक शरद अवस्थी समेत अनेक जनप्रतिनिधि व भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर लोकतंत्र का दमन करने का आरोप लगाया और समाजवादी पार्टी को परिवारवादी राजनीति का प्रतीक करार दिया। उनका पीडीए बस परिवार तक सीमित है। डिप्टी सीएम ने इस अवसर पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
वीर शहीद के नाम पर सीएचसी का नामकरण करने की मांग तेज
देवा क्षेत्र की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का नामकरण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा बलभद्र सिंह के नाम पर किए जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। देवा रोड स्थित ग्राम पल्टा निवासी नंदलाल सिंह ने इस बाबत उप मुख्यमंत्री को एक प्रार्थनापत्र भेजते हुए कहा है कि वीर बलभद्र सिंह ने 1858 में अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ते हुए बलिदान दिया था।
मांग का समर्थन करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने उप मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएं। क्षेत्रीय जनमानस भी इस प्रस्ताव के प्रति सकारात्मक रुख रखता दिख रहा है।