ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
विक्रत संवत : 2082
शक संवत : 1947
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा ऋतु
मास : आषाढ़
पक्ष : कृष्ण पक्ष
तिथि, नक्षत्र व योग
तिथि : चतुर्दशी (शाम 06:07 तक), तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र : रोहिणी (दोपहर 12:29 तक), तत्पश्चात मृगशिरा
योग : शूल (सुबह 09:37 तक), तत्पश्चात गण्ड
सूर्य, राहुकाल एवं दिशाशूल
सूर्योदय : प्रातः 05:13
सूर्यास्त : सायं 06:47
राहुकाल : सायं 03:00 से 04:30 तक
दिशाशूल : उत्तर दिशा में
व्रत / पर्व विशेष
विशेष संयोग : चतुर्दशी एवं अमावस्या
अगले दिन – 25 जून (बुधवार) को आषाढ़ अमावस्या
धार्मिक सुझाव व परंपरा
नकारात्मक ऊर्जा निवारण:
प्रत्येक अमावस्या अथवा प्रत्येक 15 दिन में घर में 1 लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक मिलाकर पोछा लगाएं।
वैकल्पिक रूप से गौझरण अर्क का प्रयोग किया जा सकता है।
ध्यान योग्य:
अमावस्या के दिन वृक्ष, लता या पत्ते तोड़ना ब्रह्महत्या के समान पाप माना गया है।
(संदर्भ : विष्णु पुराण)
धन-धान्य व समृद्धि हेतु अमावस्या विशेष हवन विधि
हवन सामग्री:
- काले तिल
- जौं
- चावल
- गौघृत (गाय का घी)
- चंदन पाउडर
- गुग्गुल
- गुड़
- देशी कपूर / गौ चंदन / कण्डा
विधि: गौ चंदन या कण्डे में उपरोक्त 8 वस्तुओं का मिश्रण डालकर हवन करें।
परिवार के सभी सदस्य सम्मिलित होकर नीचे लिखे मंत्रों के साथ एक-एक आहुति दें:
आहुति मंत्र:
- ॐ कुल देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
- ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
- ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
- ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः