योग के जरिए ही भारत ने विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया
गोरखपुर,संवाददाता : 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गोरखपुर स्थित श्री गोरखनाथ मंदिर परिसर में भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर योगासन करते हुए कहा, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना इच्छाओं की पूर्ति की पहली शर्त है। योग न केवल शरीर को, बल्कि आत्मा को भी साधने का मार्ग है। उन्होंने योग को भारत की ऋषि परंपरा का जीवंत प्रतीक बताते हुए कहा कि, वेद-पुराणों ने योग की आत्मा को जिंदा रखा है। भारत ने आत्मकल्याण के माध्यम से लोककल्याण और फिर वैश्विक कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है।
योग: आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों विकास का आधार
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि योग केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि यह सामाजिक समरसता, मानसिक संतुलन और राष्ट्रीय चेतना को भी जाग्रत करने वाला विज्ञान है। योग से आध्यात्मिक विकास संभव है और यह भारत की उस सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, जिसने मानवता को संतुलन और संयम का संदेश दिया है।
आयुष मंत्रालय के विशेष आयोजन
इस वर्ष आयुष मंत्रालय ने योग दिवस को और अधिक व्यापक बनाने के उद्देश्य से 10 प्रमुख ‘सिग्नेचर इवेंट्स’ की शुरुआत की है। इनमें प्रमुख कार्यक्रम निम्नलिखित हैं:
- योग संगम
- हरित योग
- योगा बंधन
- योगा अनप्लग्ड
- योगा महाकुंभ
- संगयोग
इन आयोजनों का उद्देश्य समाज के हर वर्ग, हर आयु-वर्ग और हर क्षेत्र तक योग के लाभ पहुंचाना है।
कार्यक्रम की झलकियां:
- सैकड़ों की संख्या में स्थानीय नागरिक, साधु-संत, युवा और महिलाएं योग अभ्यास में सम्मिलित हुए।
- गोरखनाथ मंदिर परिसर में विशेष योगाभ्यास सत्र आयोजित किया गया।
- छात्रों और स्वास्थ्य कर्मियों ने भी बड़ी संख्या में सहभागिता की।