राजस्व परिषद की रिपोर्ट पर सीएम ने लगाई मुहर
लखनऊ,संवाददाता : लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान हुई अनियमितताओं के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इस रिपोर्ट में तत्कालीन जिलाधिकारी (डीएम) आईएएस अभिषेक प्रकाश और तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अमरपाल सिंह समेत 16 अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है। इनमें तत्कालीन एसडीएम संतोष कुमार, शंभु शरण, आनंद कुमार, देवेंद्र कुमार, नायब तहसीलदार कविता ठाकुर, राजस्व निरीक्षक राधेश्याम, तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह, विजय कुमार सिंह, उमेश कुमार, मनीष त्रिपाठी, जितेंद्र कुमार सिंह, नैन्सी शुक्ला, लेखपाल हरिश्चंद्र और ज्ञान प्रकाश अवस्थी शामिल हैं।
जांच में पाया गया कि वर्ष 2021 में 1985 की फर्जी पट्टा पत्रावली के आधार पर कथित आवंटियों और उनके वारिसों के साथ-साथ उनसे जमीन खरीदने वालों के मुआवजे के दावे स्वीकार किए गए। आरक्षित श्रेणी की सरकारी जमीन भी घोटाले के नाम पर आवंटित की गई। तीन दशक पहले की फर्जी पट्टा पत्रावली के आधार पर आवंटियों के नाम संक्रमणीय और अंसक्रमणीय भूमिधर के रूप में दर्ज किए गए। इसके अलावा, अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन की बिक्री की अनुमति अवैध रूप से दी गई। खतौनी में नाम दर्ज नहीं होने के बावजूद रजिस्ट्री के आधार पर मुआवजे का भुगतान कर दिया गया।
राजस्व परिषद की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन और अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, मुआवजा राशि की वसूली, फर्जी आवंटियों के नाम राजस्व रिकॉर्ड से निरस्त करना, भूमि को ग्राम समाज के खाते में दर्ज करना और अवैध लेन-देन को शून्य घोषित करना सुनिश्चित किया जाएगा। अवैध रूप से यूपीडा को जमीन बेचकर मुआवजा लेने वालों से धनराशि की वसूली और उनके खिलाफ समुचित कार्रवाई भी की जाएगी। उपनिबंधक सरोजनीनगर के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जो अधिकारी और कर्मचारी पहले से विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहे हैं, उनकी प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी