भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
बाराबंकी,संवाददाता : हैदराबाद को जब भारतीय संघ में विलीन करने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का सशस्त्र आंदोलन चल रहा था तब संघी तत्व निजाम हैदराबाद की ओर लड़ रहे थे। यह बात इतिहास के पन्नों में दर्ज है। आजादी की लड़ाई में पार्टी का प्रत्येक सदस्य जेल यात्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी था। तब हिन्दुवत्व वादी ताकते अंग्रेजों की मुखबिरी कर रही थी। बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना दिवस के पर पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि आजादी के बाद सार्वजनिक क्षेत्र का निर्माण पार्टी की पहल पर हुआ और देश विश्व शक्ति के रूप में उभरा। आज देश की उसी धरोहर को बेचकर कर संघ नियंत्रित और प्रशिक्षित सरकारें बेच कर अपना खर्चा चला रही है।
बांग्लादेश का निर्माण सिक्किम का विलय हमारे समर्थन से ही संभव हो पाया था।चाहे गोवा मुक्ति आंदोलन हो य पांडिचेरी हो पार्टी का महत्व पूर्ण योगदान था। इस दौरान कवि आलोक शुक्ला को मो तारिक खान ने शाल उढाकर कर सम्मानित किया। आलोक शुक्ला ने समाज को समर्पित कई गीत गाए।जितेंद्र श्रीवास्तव जित्तू भैया ने भी कविता पाठ किया। मंहत वी पी दास ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सौ वर्ष पूरे होने के अवसर अवसर पर केक काटकर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर परवीन कुमार जिला सचिव बृजमोहन वर्मा कोषाध्यक्ष शिवदर्शन वर्मा किसान सभा के जिला अध्यक्ष विनय कुमार सिंह रामनरेश वर्मा महेंद्र यादव मुनेश्वर गोस्वामी अमर सिंह गुड्डू कदीर हसन,प्रेम चंद वर्मा,दीपक शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा,सच्चिदानंद, मिथलेश कुमार,पर्मेन्द्र वर्मा,पवन वर्मा, ज्ञानेश्वर वर्मा, लव त्रिपाठी, शैलेन्द्र मिश्रा, संदीप तिवारी, राजकुमार आदि नेता मौजूद रहे।