नीट पीजी काउंसलिंग से जुड़े एक अहम मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
भोपाल,संवाददाता : मध्यप्रदेश में नीट पीजी काउंसलिंग से जुड़े एक अहम मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने एनआरआई (प्रवासी भारतीय) कोटे के तहत मनमानी तरीके से सीटें भरने पर रोक लगा दी है। जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद कोटे की सीटों को भरने पर अंतरिम रोक लगा दी और केस का फैसला सुरक्षित रख लिया। यह मामला भोपाल निवासी डॉ. ओजस यादव द्वारा दायर की गई याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पीजी पाठ्यक्रमों की चुनिंदा ब्रांचों में 15% से अधिक सीटें एनआरआई कोटे से भर दी गईं। याचिका में दावा किया गया कि डायरेक्टरेट मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) द्वारा जारी चार्ट में नियमों का उल्लंघन किया गया है।
अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने तर्क दिया कि नियमों के अनुसार, समस्त निजी मेडिकल कॉलेजों में सभी पाठ्यक्रमों के लिए 15% सीटें एनआरआई कोटे के तहत आरक्षित हैं। हालांकि, डीएमई ने केवल 8 प्रमुख ब्रांचों की कुल 591 सीटों में से 152 सीटों को एनआरआई कोटे के तहत आरक्षित किया, जिससे इन ब्रांचों में कोटा 30-40% तक पहुंच गया। इसके अलावा, आरोप लगाया गया कि डीएमई ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की खाली सीटों की संख्या का प्रकाशन किए बिना काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी, जिससे दावे और आपत्तियों का मौका नहीं दिया गया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि फैसला आने तक एनआरआई कोटे की सीटों को नहीं भरा जाएगा। अतिरिक्त महाधिवक्ता जानवी पंडित ने शासन की ओर से उत्तर प्रस्तुत किया, जबकि अरविंदो कॉलेज की ओर से भी सीट मेट्रिक्स को सही ठहराया गया। अब कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।