अनुकूल मौसम और जिला प्रशासन के प्रयासों से लगता है प्रवासी पक्षियों का डेरा
बाराबंकी, संवाददाता: बाराबंकी जनपद में प्रवासी पक्षियों का आगमन, इसकी जैव विविधता और जिला प्रशासन के प्रयासों का एक अद्भुत उदाहरण है। यह जिले का मौसम और प्रशासन के संरक्षण प्रयास हैं जो प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि राजधानी लखनऊ से महज 30 किलोमीटर दूर स्थित यह जनपद जैव विविधता का खजाना है, हालांकि अधिकांश लोग इसके बारे में अंजान रहते हैं। इसी को उजागर करने के लिए वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर नवीन कुमार बनौधा ने शनिवार से शुरू हुई दो दिवसीय फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन यूपीपीसीएफ के एचडी संजय कुमार ने किया, जिसमें जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, विशेष सचिव शिक्षा सीपू गिरी, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा, और डीएफओ आकाश बधावन समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रदर्शनी का समापन रविवार को देर शाम हुआ।
नवीन कुमार बनौधा ने बताया कि जिले में लगभग 400 से अधिक वेटलैंड्स हैं, जिनमें से 12 वेटलैंड्स को प्रशासन द्वारा संरक्षित किया गया है। इन संरक्षित वेटलैंड्स पर शोध छात्र और आम लोग प्रवासी पक्षियों की तस्वीरें कैद कर सकते हैं। प्रदर्शनी के दौरान कई छात्रों ने इन पक्षियों और वेटलैंड्स के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के शोध छात्र शुभम चंद्रा, मित्रसेन, आर्यन, और शिवांशु राठौर ने बताया कि बाराबंकी की जैव विविधता अब तक ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हो पाई थी, लेकिन जिलाधिकारी और डीएफओ के प्रयासों से अब यह जिले का नाम दुनिया भर में जाना जा रहा है। इसके अलावा, वेटलैंड्स संरक्षित करने के लिए एक टीम भी बनाई गई है, जिसमें वेटलैंड्स के आसपास के किसानों से अपील की गई है कि वे वेटलैंड्स के स्वभाव को न बदलें। विशेष रूप से सलारपुर गांव में स्थित 40 हेक्टेयर का वेटलैंड है, जहां सिंघाड़े की खेती की जाती है, जिससे प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल माहौल नहीं बन पा रहा है और यहां पर धीरे-धीरे पक्षियों का लगने वाला डेरा कम पड़ रहा है। जिसे तत्काल बचाए जाने की जरूरत है।
इनपुट-शोभित शुक्ला