नगर निगम, जन सूचना विभाग, विधान सभा परिसर व महापौर का आवास भी जलमग्न, राज्य सेतु निगम के दीवारों, दरवाजों और छतों से निकला बरसाती पानी तो कार्यालय छोड़ भाग निकले जिम्मेदार
लखनऊ: पहली ही बरसात ने नगर निगम के अफसरों की पोल खोल दी और यह बता दिया कि बरसात के पानी को निकालने के लिए अब तक कोई प्लान धरातल पर नहीं उतर सका। सारी कवायद सिर्फ फाइलों में ही कैद होकर रह गई। जिन हाथों में पूरे शहर के जलनिकासी की जिम्मेदारी है, उनके सरकारी कार्यालय ही जलमग्न हो गए। नगर निगम मुख्यालय समेत उनके सभी विभागों में गंदा व बदबूदार पानी भर गया। इसके अतिरिक्त राज्य सेतु निगम, विधानसभा परिसर, सूचना विभाग, महापौर के आवास समेत तमाम सरकारी आवास तालाब बन गए।
राज्य सेतु निगम का तो यह हाल रहा कि कार्यालय के दरवाजों, छतों, पंखों समेत लगभग हर स्थान से बरसाती पानी तेज धार के साथ निकलने लगा, खतरा भांप अफसर ही कार्यालय छोड़ भाग निकले। एक ओर बारिश गर्मी से राहत देकर सुकून जरूर दे गई, लेकिन वहीं दूसरी ओर सड़कों से लेकर घरों तक गंदा पानी भर जाने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोग गिरकर चोटिल भी हुए तो कई के गिरने से कपड़े खराब हो गए। बारिश के चलते सड़कों पर जाम की स्थिति बन आई। बुद्धा पार्क जाने वाली सड़क, सीतापुर रोड, पुरनिया चौराहे से आंचलित की ओर जाने वाली सड़क से लेकर शहर के कई स्थानों पर लोगों का सामना भीषण जाम से हुआ। घंटाें यातायात बाधित रहा। लगभग सभी स्थानों से स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक पुलिस भी नदारद रही।
तहज़ीब के शहर में बदतमीज…
बारिश के बीच जब पानी से लबालब सड़क पर एक युवक बाइक से निकला तो उसे कुछ लोग घेर लिए और गंदा पानी डालने लगे, जिससे वह बाइक सहित गिर गया। इसके बाद एक युवक के साथ जा रही महिला पर भी सड़क का गंदा पानी डाल उसे भी गिरा दिया। तहज़ीब के नाम से मशहूर लखनऊ शहर में बदतमीज न जाने कहाँ से आ गए। उनकी यह शर्मनाक हरकत कैमरे में क़ैद हो गई।
राज्य सेतु निगम के अध्यक्ष अजय चौहान के कार्यालय में दीवारों, दरवाजों समेत हर स्थान से निकल रहा बरसाती पानी। इसके अतिरिक्त नगर निगम मुख्यालय, हजरतगंज स्थित मुख्य चौराहा, ताज होटल के पास का इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया। बारिश के चलते बुद्धा पार्क वाली सड़क पर भीषड़ जाम लग गया।
किसानों को मिली संजीवनी
इसबार की मानसून की बरसात किसानों को संजीवनी दे गई। फसलों को इस बरसात से बहुत फायदा होने वाला है। किसानों के चेहरे पर मुस्कान साफ तौर से देखी जा सकती है। लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, सीतापुर, सुलतानपुर, लखीमपुर, हरदोई, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती समेत दर्जनों जिलों में बारिश फसलों के लिए बहुत उपयोगी है।
वाटर ड्रेनेज सिस्टम कब होगा दुरुस्त:
नगर निगम बरसाती पानी की निकासी के लिए वाटर ड्रेनेज सिस्टम को लेकर कोई ठोस प्लान नहीं तैयार कर सकी है। बीती बरसातों को देखें तो मंडलायुक्त से लेकर तमाम बड़े अफसर सड़कों पर भरे पानी में कूदे और उनकी कमर तक पानी में डूब गई, लेकिन जल निकासी की कोई कारगर योजना नहीं बना सके।
ये सड़कें बनी तालाब:
अलीगंज स्थित केंद्राचल वाली सड़क, मोहिबुल्लापुर स्टेशन से भरतनगर जाने वाली सड़क, हजरतगंज चौराहे व आसपास, पक्के पुल के आसपास, चौक रूमी दरवाजा, छत्ते वाले पुल समेत शहर की कई सड़कों पर डूबने जैसी स्थिति बन गई।