लोकतंत्र के खिलाफ है यह व्यवस्था और इसे एक ‘षड्यंत्र’ के रूप में देखा जा रहा है
लखनऊ,संवाददाता : केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इस प्रस्तावित व्यवस्था को ‘अव्यावहारिक और अलोकतांत्रिक’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था लोकतंत्र के खिलाफ है और इसे एक ‘षड्यंत्र’ के रूप में देखा जा रहा है। अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘‘एक देश, एक चुनाव’ सही मायनों में एक अव्यावहारिक ही नहीं, बल्कि अलोकतांत्रिक व्यवस्था भी है। जब सरकारें अपनी समयावधि के बीच में अस्थिर हो जाती हैं, तो क्या वहां की जनता बिना लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के रहेगी?” उन्होंने सवाल उठाया कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए संवैधानिक रूप से चुनी गई सरकारों को बीच में भंग करना होगा, जो जनमत का अपमान होगा।
‘लोकतंत्र के खिलाफ एक षड्यंत्र’
सपा प्रमुख ने आगे कहा, ‘‘‘एक देश, एक चुनाव’ दरअसल लोकतंत्र के खिलाफ और एकतंत्री सोच का बड़ा षड्यंत्र है। यह उस सोच का परिणाम है जो पूरे देश पर एक साथ कब्जा करना चाहती है। इससे चुनाव एक दिखावटी प्रक्रिया बनकर रह जाएगा।”
चुनावों को टालने की सरकार की नीति पर तंज
अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘जो सरकार बारिश, पानी, त्योहार और नहान के नाम पर चुनावों को टाल देती है, वो एक साथ चुनाव कराने का दावा कैसे कर सकती है?”
‘एक छलावा है ‘एक देश, एक चुनाव’
अखिलेश यादव ने इस प्रस्ताव को एक छलावा भी बताया। उन्होंने कहा, ‘‘‘एक देश, एक चुनाव’ एक छलावा है, जिसमें एकाधिकार की अलोकतांत्रिक मंशा काम कर रही है। यह चुनावी व्यवस्था के सामूहिक अपहरण की साजिश है।”
सरकार का प्रस्ताव
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की योजना को लागू करने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। यह कदम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रमुख मुद्दे को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।