क्राइम ब्रांच जैसे अधिकारियों का रूप धारण करके हैं घटना को अंजाम
लखनऊ,संवाददाता : आजकल ऑनलाइन ठगी के कई नए तरीके सामने आ रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख स्कैम डिजिटल अरेस्ट है, जिसे साइबर अपराधी ईडी, सीबीआई, क्राइम ब्रांच जैसे अधिकारियों का रूप धारण करके अंजाम देते हैं। ये ठग वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ितों को अरेस्ट करने का डर दिखाते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं। इस डिजिटल अरेस्ट स्कैम की शुरुआत 2023 में हुई थी। ठग पीड़ित को वीडियो कॉल करके उन्हें डराते हैं और साइबर अपराध का शिकार बना देते हैं।
सतर्क रहें सेक्सटॉर्शन और हनी ट्रैप से
साइबर अपराधी अक्सर सेक्सटॉर्शन और हनी ट्रैप के जरिए अपनी जालसाजी करते हैं। इसमें फर्जी प्रोफाइल बनाकर झूठे भावनात्मक संबंध स्थापित किए जाते हैं। अपराधी निजी तस्वीरें और वीडियो का दुरुपयोग करके धमकी देते हैं और पैसे या अन्य चीजों की मांग करते हैं।
फर्जी कस्टम विभाग और पुलिस के अधिकारी बनकर ठगते हैं
इन अपराधियों का तरीका और भी चौंकाने वाला होता है। ये खुद को कस्टम विभाग, पुलिस साइबर सेल या अन्य सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ितों से संपर्क करते हैं। वे दावा करते हैं कि किसी अवैध सामग्री का पैकेज एयरपोर्ट पर फंसा हुआ है और उस पर कार्रवाई करने के लिए पैसा ट्रांसफर करने की मांग करते हैं।
ठगों की नई चाल: एआई तकनीक का इस्तेमाल
अभी हाल ही में ठगों ने एआई तकनीक का इस्तेमाल करके पीड़ितों के परिवारजनों की आवाज की नकल करना शुरू कर दिया है। इस तकनीक का उपयोग करके वे लोगों को डरा-धमका कर ठगी करते हैं।
कैसे बचें इस स्कैम से?
साइबर अपराध से बचने के लिए सबसे प्रभावी तरीका जागरूकता है। अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर पोर्टल या साइबर हेल्पलाइन-1930 पर शिकायत दर्ज करें। साथ ही, अपने सभी साक्ष्यों जैसे कॉलिंग डिटेल्स, लेन-देन की जानकारी और मैसेज को सुरक्षित रखें।
महत्वपूर्ण सलाह:
- कोई सरकारी एजेंसी फोन या वीडियो कॉल पर आपसे जानकारी नहीं मांगती।
- ठगों का मुख्य उद्देश्य आपको डराना है। शांत रहें और घबराएं नहीं।
- किसी भी संदिग्ध कॉल का जवाब देने से पहले संबंधित एजेंसी से पुष्टि करें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे आधार नंबर, खाता नंबर आदि को अज्ञात व्यक्तियों से साझा करने से बचें।
साइबर अपराधी अक्सर सोशल मीडिया से आपकी निजी जानकारी हासिल करते हैं, इसलिए वहां भी सतर्क रहें। डार्क वेब से डेटा खरीदकर ठग आपके व्यक्तिगत डेटा का गलत इस्तेमाल करते हैं। साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता सबसे प्रभावी उपाय हैं।