ट्रक ड्राइवरों के प्रशिक्षण और कल्याण के लिए डिजिटलीकरण और ऐप्स के एकीकरण पर किया जा रहा काम
दिल्ली,संवाददाता : नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे और फोरलेन पर गाड़ी चलाने वाले यात्रियों के लिए एक नई रिपोर्ट ने ट्रक ड्राइवरों के स्वास्थ्य और उनकी दृष्टि संबंधी खतरों को उजागर किया है। एक अध्ययन के मुताबिक, भारत में 55.1 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों को दृष्टि संबंधी समस्याएं हैं, जो सड़क सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत देती हैं। आइआइटी दिल्ली और फोरसाइट फाउंडेशन द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि 53.3 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों को दूर की दृष्टि में समस्या है, जबकि 46.7 प्रतिशत निकट दृष्टिदोष से पीड़ित हैं। इसके अलावा, 44.3 प्रतिशत ड्राइवरों का बीएमआइ सीमा रेखा से अधिक पाया गया है, और 57.4 प्रतिशत हाई ब्लडप्रेशर से ग्रस्त हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मानसिक तनाव भी एक गंभीर समस्या है, क्योंकि 33.9 प्रतिशत ड्राइवरों को मध्यम तनाव का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस रिपोर्ट को लॉन्च करते हुए कहा कि ट्रक ड्राइवरों के प्रशिक्षण और कल्याण के लिए डिजिटलीकरण और ऐप्स के एकीकरण पर काम किया जा रहा है। ट्रक ड्राइवरों के लिए यह चुनौतीपूर्ण जीवनशैली, जिसमें लंबे समय तक यात्रा, अनियमित शिफ्ट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शामिल हैं, उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।