ज्योतिष आचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा
दिनांक: 25 मार्च 2025
दिन: मंगलवार
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
अयन: उत्तरायण
ऋतु: वसंत ॠतु
मास: चैत्र
पक्ष: कृष्ण
तिथि: एकादशी (रात्रि 11:30 तक), तत्पश्चात द्वादशी। एकादशी पारण का मुहूर्त कल, 26 मार्च, बुधवार, सुबह 9:00 बजे से पहले।
नक्षत्र: श्रवण (रात्रि 12:02 तक), तत्पश्चात धनिष्ठा।
योग: शिव (सुबह 11:16 तक), तत्पश्चात सिद्ध।
राहुकाल: शाम 03:00 से शाम 04:30 तक।
सूर्योदय: सुबह 5:58 बजे।
सूर्यास्त: संध्या 6:02 बजे।
दिशाशूल: उत्तर दिशा में।
व्रत पर्व विवरण: पापमोचनी एकादशी
विशेष: हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
मंत्र: राम रामेति रामेति | रमे रामे मनोरमे | सहस्त्र नाम त तुल्यं | राम नाम वरानने।।
एकादशी के दिन इस मंत्र का पाठ करने से विष्णु सहस्रनाम के समान पुण्य प्राप्त होता है।
व्रत नियम: एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए। चावल और साबूदाना खाना वर्जित है।
पापमोचनी एकादशी
आज, 25 मार्च 2025 को पापमोचनी एकादशी का व्रत (उपवास) रखें। जो श्रेष्ठ मनुष्य इस व्रत को करते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत को पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल प्राप्त होता है। इस व्रत से ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी, सुरापान, और गुरुपत्नीगमन जैसे महापापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत अत्यंत पुण्यमय है।
एकादशी व्रत के लाभ
- एकादशी के व्रत से वह पुण्य प्राप्त होता है, जो सूर्यग्रहण के दान से भी अधिक होता है।
- गौ-दान, सुवर्ण-दान, और अश्वमेघ यज्ञ से अधिक पुण्य मिलता है।
- एकादशी करने से पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और परिवार में सुख-शांति आती है।
- घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है, और पुत्रादि की वृद्धि होती है।
- कीर्ति और श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है।
- परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है।