मंडल ने रूस के थिंक टैंकों और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर भारत की चिंता साझा की
मॉस्को : द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में रूस पहुंचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मास्को में हुई उच्चस्तरीय बैठकों के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की “कड़ाई से बर्दाश्त न करने की नीति” को दोहराया। प्रतिनिधिमंडल ने परमाणु ब्लैकमेल को भी पूरी तरह अस्वीकार्य बताया और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त संघर्ष की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत की स्पष्ट नीति: आतंकवाद को नहीं बख्शा जाएगा
प्रतिनिधिमंडल ने रूस के संसद सदनों, थिंक टैंकों और वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर भारत की चिंता साझा की। ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए भारतीय पक्ष ने आतंकवाद के खिलाफ देश की तीव्र प्रतिक्रिया का उदाहरण पेश किया।
कनिमोझी (सांसद, द्रमुक) ने कहा,
“भारत किसी भी रूप में आतंकवाद, उसके समर्थन, वित्तपोषण और वैध ठहराने की किसी भी कोशिश को सहन नहीं करेगा।”
मिलकर लड़ाई की जरूरत: भारत-रूस की साझा प्रतिबद्धता
- प्रतिनिधिमंडल ने स्टेट ड्यूमा व फेडरेशन काउंसिल के नेताओं से मुलाकात की
- एंड्री डेनिसोव, लियोनिद स्लटस्की और एंड्री रुडेंको जैसे रूसी नेताओं से हुई बातचीत
- बैठकें साझा रणनीतिक साझेदारी, वैश्विक सुरक्षा, और बहुपक्षीय सहयोग पर केंद्रित रहीं
प्रमुख मुद्दे जिन पर चर्चा हुई:
- आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे की आवश्यकता
- आतंकवादी संगठनों को मिलने वाली आर्थिक व राजनीतिक शरण का विरोध
- गलत सूचना व कट्टरपंथी प्रचार तंत्र के खतरों पर चिंता
- भारत-रूस थिंक टैंकों के सहयोग को बढ़ावा
- बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए साझा समर्थन
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख चेहरे:
- कनिमोझी (द्रमुक सांसद)
- राजीव राय (सपा)
- कैप्टन बृजेश चौटा (से.नि.) (भाजपा)
- प्रेम चंद गुप्ता (राजद)
- अशोक कुमार मित्तल (आप)
- राजदूत मंजीव सिंह पुरी (पूर्व राजदूत, संयुक्त राष्ट्र)
भारत का संकल्प:
भारत ने जोर देकर कहा कि वह आतंकवाद को राज्य नीति के हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वालों को बेनकाब और अलग-थलग करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, इस लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की एकजुटता और सहभागिता को अत्यंत आवश्यक बताया।