पुजारी को पुलिस बता रही मास्टरमाइंड, तीन गिरफ्तार, पत्नी ने किया फर्जी घटना के अनावरण का दावा
सीतापुर,संवाददाता : सीतापुर में महीनेभर पूर्व दिनदहाड़े पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या के 34 दिन बाद पुलिस ने वारदात के राजफ़ाश का दावा किया है। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल कुल पांच आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर दो शूटरों के फरार होने की बात बताई है। वहीं राघवेंद्र का परिवार इस राजफाश से असंतुष्ट है। पत्नी ने पुलिस के फर्जी राजफ़ाश की बात कही है। उनका कहना है कि जब पुजारी ही मास्टरमाइंड था तो पुलिस ने राजफ़ाश में इतना समय क्यों लिया। परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की है।

एसपी चक्रेश मिश्रा के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर, उसके करीबी निर्मल सिंह और असलम गाजी शामिल हैं। राघवेंद्र बाजपेई ने पुजारी शिवानंद बाबा को मंदिर परिसर में एक लड़के के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। बदनामी के डर से पुजारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर राघवेंद्र की हत्या की साजिश रची।
ऐसे रची गई हत्या की साजिश
पूछताछ में पता चला है कि शिवानंद बाबा ने इस राज को अपने करीबी निर्मल सिंह से साझा किया। इसके बाद असलम गाजी के जरिए दो शूटरों को सुपारी दी गई। 8 मार्च की दोपहर, शूटरों ने हेमपुर ओवरब्रिज पर राघवेंद्र को चार गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया।क्राइम ब्रांच व एसटीएफ की कुल 12 टीमों ने जांच में जुटकर एक हजार से ज्यादा मोबाइल नंबर खंगाले और 250 सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया। संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर पुलिस की जांच मंदिर परिसर और आरोपी पुजारी के इर्द-गिर्द केंद्रित हुई। हत्या में शामिल दोनों शूटर अभी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की कुल 10 टीमें नोएडा और आसपास के इलाकों में दबिश दे रही हैं। पुलिस ने दोनों शूटरों पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया है।एएसपी डॉ. प्रवीण रंजन सिंह ने बताया जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। हम जल्द ही फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार करेंगे और इस मामले में पूरी सच्चाई सामने लाएंगे ।