30 हजार सोलर पंपों को स्थापित करने हेतु समस्त जनपदों को किया गया है आवंटित
रायबरेली,संवाददाता : कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण योजनान्तर्गत एग्रो क्लाइमेटिक जोन स्तरीय विराट किसान मेला का आयोजन आई0टी0आई मैदान के तृतीय एवं समापन दिवस के अवसर पर राज्य मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान उ0प्र0 बलदेव सिंह ‘‘औलख‘‘ के कर कमलों द्वारा फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया गया। राज्य मंत्री ने इस दौरान विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया और अपने संबोधन में किसानों को प्राकृतिक खेती, पी0एम0 कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पंप स्थापना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 30 हजार सोलर पंपों को स्थापित करने हेतु लक्ष्य समस्त जनपदों को आवंटित किया गया है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे सरकार द्वारा विभाग में चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं। इस अवसर पर जनपद के राजरानी फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लि0 को फार्म मशीनरी बैंक एवं रामसखी को कस्टम हायरिंग सेंटर हेतु 30 लाख अनुदानित अंश का लाभ प्राप्त करने हेतु ट्रैक्टर की चाबी और दो महिला स्वयं सहायता समूहों को 10 हजार रुपये के चेक सौंपे गए। साथ ही पांच किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड और 15 अच्छे प्रदर्शन करने वाले स्टॉलों को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रतीक चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। उप कृषि निदेशक विनोद कुमार ने मेले में आए हुए कृषकों का स्वागत करते हुए विभाग में चल रही समस्त योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को फार्मर रजिस्ट्री तैयार कराने के लिए जन सुविधा केंद्रों पर जाने की प्रेरणा दी और पी0एम कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर पंप का लाभ उठाने की जानकारी भी दी।
प्रगतिशील कृषक शेषपाल सिंह ने प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी, जिसमें जीवामृत, बीजामृत, घन जीवामृत, दशपर्णी अर्क बनाने की विधि और इनका फसलों में उपयोग के बारे में बताया। डा0 एस0बी0 सिंह, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र दरियापुर ने उद्यानिकी फसलों, विशेष रूप से गुलाब की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी और किसानों को गुलाब की खेती करने के लिए प्रेरित किया। इफ्को के क्षेत्रीय प्रबंधक ने किसानों को नैनो यूरिया और नैनो डी0ए0पी0 के प्रयोग के लाभों के बारे में बताया, जिससे वे ड्रोन के माध्यम से कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। डा0 दीपक मिश्रा और डा0 आर0के0 कनौजिया ने क्रमशः दलहनी और तिलहनी फसलों, रबी फसलों में शस्य क्रिया, न्यूट्रियन्स और खरपतवार नियंत्रण के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी। अंत में, डा. रंजन द्विवेदी, विषय वस्तु विशेषज्ञ ने मेले में आए हुए मुख्य अतिथि, किसानों, वैज्ञानिकों, स्टॉल के प्रतिनिधियों और मीडिया का धन्यवाद करते हुए समापन की घोषणा की।